क्या है ToR और क्यों है यह महत्वपूर्ण?
ToR एक ऐसा दस्तावेज़ होता है जिसमें यह तय किया जाता है कि आयोग किन मुद्दों पर अध्ययन करेगा और क्या-क्या सिफारिशें देगा। इसमें वेतन ढांचे की समीक्षा, फिटमेंट फैक्टर, पेंशन, भत्ते (Allowances), HRA, और अन्य सुविधाएं शामिल होती हैं। यह आयोग का मूल मार्गदर्शन दस्तावेज़ होता है, जिसके आधार पर आयोग काम शुरू करता है। एक बार ToR जारी हो जाने के बाद, आयोग आधिकारिक रूप से अपना कार्य शुरू करेगा और फिर इसकी रिपोर्ट 1 से 2 वर्षों के भीतर आने की संभावना होती है।
कितनी हो सकती है सैलरी में बढ़ोतरी?
जानकारों के मुताबिक, यदि नया फिटमेंट फैक्टर 2.46 तय किया जाता है, तो कर्मचारियों के वेतन में लगभग 30% से 34% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, अगर यह 1.8 के आसपास ही रहा तो सैलरी में इजाफा सिर्फ 13% तक सीमित रह सकता है। हालांकि यह अभी सिर्फ अनुमान हैं। वास्तविक बढ़ोतरी आयोग की रिपोर्ट और सरकार की मंजूरी पर निर्भर करेगी।
कब से मिलेगा फायदा?
अगर अगस्त 2025 में ToR जारी हो जाता है, तो आयोग अपनी रिपोर्ट 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक सौंप सकता है। इसके बाद सरकार को उस पर निर्णय लेना होगा, जिससे कर्मचारियों को नए वेतनमान के फायदे 2027 या 2028 से मिल सकते हैं।
कर्मचारी संगठनों की क्या है भूमिका?
नेशनल काउंसिल जेसीएम (NC-JCM) के कर्मचारी पक्ष के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ToR को मंजूरी दे देगी। यह संगठन केंद्र सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इन्हीं के माध्यम से वेतन आयोग से जुड़ी मांगें और मुद्दे सामने लाए जाते हैं।
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