11 जिलों को मिलेगा सीधा लाभ
यह एक्सप्रेसवे बिहार के कुल 11 जिलों से होकर गुजरेगा। मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, जमुई, लखीसराय, मुंगेर और बांका। इन जिलों के लिए यह न सिर्फ परिवहन की नई सुविधा लेकर आएगा, बल्कि उद्योग, व्यापार और रोज़गार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
परियोजना की खास बातें
लंबाई: 585.350 किलोमीटर
चौड़ाई: 60 मीटर
भूमि अधिग्रहण: लगभग 4866 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा
नेपाल से बंगाल तक सीधा संपर्क
यह एक्सप्रेसवे भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के पानागढ़-वर्द्धमान के बीच एनएच-19 से जुड़ते हुए हल्दिया बंदरगाह तक पहुंचेगा। यह संपूर्ण मार्ग पूर्वी भारत के औद्योगिक और व्यापारिक विकास की रीढ़ बन सकता है। खास बात यह है कि दुर्गापुर वन क्षेत्र को बचाते हुए इसका एलाइनमेंट तय किया गया है, जिससे पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस परियोजना के पूरा होने के बाद बिहार के इन जिलों में औद्योगिक निवेश बढ़ेगा। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर लॉजिस्टिक हब, वेयरहाउसिंग, और छोटे-बड़े उद्योग विकसित हो सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे और कृषि उत्पादों को बाजार तक ले जाना और भी आसान हो जाएगा।
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