गणपति बप्पा को प्रिय हैं ये 6 मंत्र, चतुर्थी पर जाप से पूरी होंगी मनोकामनाएं

धर्म डेस्क। हर वर्ष भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश का विधिवत पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गणपति बप्पा अपने भक्तों के घर पधारते हैं और उनकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक भगवान गणेश के प्रिय मंत्रों का जाप किया जाए, तो जीवन के समस्त विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

1. “ॐ गण गणपतये नमः”

यह गणेश जी का मूल बीज मंत्र है। इसका जाप सभी विघ्नों को दूर करता है और कार्यों में सफलता दिलाता है। यह मंत्र सबसे सरल और प्रभावशाली है।

2. “ॐ वक्रतुण्डाय हुं”

यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और घर में शांति व सकारात्मकता लाता है। इससे मानसिक शांति भी प्राप्त होती है।

3. “ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा”

यह दुर्लभ मंत्र मनोकामनाओं की पूर्ति और समाज में मान-सम्मान प्राप्ति के लिए विशेष माना गया है।

4. “ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्”

यह गणेश गायत्री मंत्र है। यह बुद्धि, विवेक और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है। विद्यार्थियों और ज्ञान के लिए यह अत्यंत लाभकारी है।

5. “ॐ सुमुखाय नमः”

यह मंत्र गणेश जी के एक रूप 'सुमुख' का आह्वान करता है, जो सौम्यता, सुंदरता और सौभाग्य का प्रतीक है। यह जीवन को सौंदर्य और सकारात्मकता से भर देता है।

6. “ॐ लम्बोदराय नमः”

यह मंत्र बप्पा के 'लम्बोदर' स्वरूप को समर्पित है। इसका जाप पारिवारिक सुख, समृद्धि और संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।

0 comments:

Post a Comment