यूपी में 'वाहन मालिकों' के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में वाहन मालिकों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 में बदलाव करते हुए बीमा पॉलिसी ट्रांसफर और वाहन पंजीकरण संबंधी नियमों को अधिक व्यावहारिक और लचीला बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह बदलाव न सिर्फ आम लोगों को दस्तावेजी प्रक्रिया की जटिलताओं से राहत देगा, बल्कि वाहन खरीद-बिक्री को भी पहले से अधिक सहज बनाएगा।

बीमा ट्रांसफर की अवधि अब 30 दिन

अब तक किसी वाहन के बिकने के बाद बीमा पॉलिसी को नए मालिक के नाम ट्रांसफर करने के लिए 14 दिन की समयसीमा तय थी। इस सीमित अवधि में ट्रांसफर नहीं हो पाने की स्थिति में अक्सर लोगों को नई बीमा पॉलिसी खरीदनी पड़ती थी, जिससे समय और धन दोनों का नुकसान होता था। अब सरकार ने इस समयसीमा को बढ़ाकर 30 दिन करने का प्रस्ताव दिया है। इसका सीधा फायदा यह होगा कि नए मालिक को बीमा ट्रांसफर के लिए पर्याप्त समय मिलेगा और उसे अनावश्यक झंझट से नहीं गुजरना पड़ेगा।

वाहन के नष्ट होने की सूचना देने की मियाद भी बढ़ी

इसी तरह, यदि कोई वाहन दुर्घटना या अन्य कारणों से नष्ट हो जाता है या फिर चलने योग्य नहीं रह जाता, तो मालिक को अब तक 14 दिन के भीतर पंजीकरण अधिकारी को इसकी सूचना देनी होती थी। यह अवधि भी अक्सर कम पड़ती थी, जिससे कई बार वाहन स्वामी को अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ती थी। अब इस सूचना देने की समयसीमा को भी 14 से बढ़ाकर 30 दिन किया जा रहा है, जिससे लोगों को एक व्यावहारिक विकल्प मिलेगा।

मोटरसाइकिल को भी टैक्सी के रूप में मंजूरी

इसके अलावा एक और अहम बदलाव कैब ऑन रेंट नियम में किया जा रहा है। अब मोटरसाइकिल को भी टैक्सी के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाएगी। इसका अर्थ यह है कि अब मोटरसाइकिल चालक भी राइड-शेयरिंग प्लेटफॉर्म्स से जुड़कर कमाई कर सकेंगे। यूपी में बन रही नई एग्रीगेटर पॉलिसी के तहत मोटरसाइकिल को ऑफिस से घर तक और छोटी दूरी की सवारी के लिए अधिकृत करने की योजना बनाई जा रही है।

आम जनता को मिलेगा सीधा लाभ

इन सभी बदलावों का उद्देश्य जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नियमों को सरल और व्यवहारिक बनाना है। दस्तावेजी प्रक्रिया में ढील से न केवल समय बचेगा, बल्कि बेवजह के जुर्माने और दोहराव से भी छुटकारा मिलेगा। साथ ही, मोटरसाइकिल को टैक्सी के रूप में मान्यता मिलने से युवाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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