1. अमेरिका: सुपरपावर का पर्याय
सैन्य ताकत: अमेरिका के पास दुनिया की सबसे आधुनिक और उन्नत सैन्य शक्ति है। इसके पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर, अत्याधुनिक हथियार प्रणाली, और वैश्विक सैन्य ठिकाने हैं। नाटो के नेतृत्व में अमेरिका वैश्विक सुरक्षा का नेतृत्व करता है।
आर्थिक और तकनीकी प्रभुत्व: अमेरिकी डॉलर आज भी विश्व की सबसे प्रभावशाली मुद्रा है। सिलिकॉन वैली दुनिया का टेक्नोलॉजी हब है, और Google, Apple, Microsoft, जैसी कंपनियाँ अमेरिका की तकनीकी श्रेष्ठता को दर्शाती हैं।
कूटनीतिक असर: संयुक्त राष्ट्र, IMF, वर्ल्ड बैंक जैसे वैश्विक संस्थानों पर अमेरिका का व्यापक प्रभाव है। किसी भी अंतरराष्ट्रीय संकट में अमेरिका की भूमिका निर्णायक होती है।
2. रूस: सैन्य ताकत और रणनीतिक सूझबूझ का धनी
सैन्य प्रभुत्व: रूस विश्व का सबसे बड़ा परमाणु हथियार भंडार रखता है। इसके पास शक्तिशाली मिसाइल सिस्टम जैसे S-400 और हाइपरसोनिक हथियार हैं। यूक्रेन युद्ध में रूस की आक्रामक नीति उसकी सैन्य रणनीति को दर्शाती है।
ऊर्जा शक्ति: रूस दुनिया का प्रमुख तेल और गैस निर्यातक है, जिससे वह यूरोप और एशिया पर ऊर्जा के माध्यम से प्रभाव डालता है।
राजनयिक चालें: सीरिया से लेकर अफ्रीका तक, रूस ने अपने कूटनीतिक प्रभाव का विस्तार किया है। वह चीन के साथ मिलकर पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को चुनौती दे रहा है।
3. चीन: आर्थिक दिग्गज और वैश्विक रणनीतिकार
आर्थिक शक्ति: चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और "दुनिया की फैक्ट्री" के रूप में जाना जाता है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के माध्यम से वह दर्जनों देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश कर वैश्विक प्रभाव बढ़ा रहा है।
तकनीकी विकास: Huawei और अलीबाबा जैसी कंपनियाँ चीन की तकनीकी क्षमता को दिखाती हैं। AI और 5G में चीन तेजी से अमेरिका को चुनौती दे रहा है।
सैन्य उन्नति: PLA (People’s Liberation Army) तेजी से आधुनिकीकरण की राह पर है। चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्य मौजूदगी के जरिए क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभुत्व चाहता है।
4. भारत: उभरती महाशक्ति और लोकतांत्रिक ताकत
सैन्य क्षमता: भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी सैन्य ताकत रखता है। ISRO और DRDO जैसी संस्थाओं के माध्यम से भारत ने अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता दिखाई है।
आर्थिक विकास: भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और Make in India जैसे अभियानों ने इसे आर्थिक रूप से मजबूत किया है।
कूटनीतिक पकड़: भारत आज G20, BRICS, QUAD जैसे मंचों पर अहम भूमिका निभा रहा है। वह एक संतुलनकारी शक्ति के रूप में पश्चिम और पूर्व दोनों के साथ संवाद करता है।
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