यह योजना न केवल गांवों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि ग्रामीण जीवनशैली को भी पूरी तरह बदलने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश की 415 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, जिन्हें मार्च 2026 तक विकसित किया जाएगा।
गांवों में पहुंचेगी फाइबर की रोशनी
बीएसएनएल के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के तहत हर चयनित ग्राम पंचायत में पांच सरकारी संस्थानों, पांच व्यावसायिक संस्थानों और कम से कम 5% ग्रामीण परिवारों को फाइबर टू द होम (FTTH) तकनीक से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य डिजिटल कनेक्टिविटी को मजबूत कर गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना है।
डिजिटल रूप से सक्षम पंचायतें
इस योजना से पंचायतों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब सरकारी योजनाओं की जानकारी और सेवाओं का लाभ सीधे अपने गांव से ले सकेंगे। साथ ही युवाओं को डिजिटल शिक्षा और रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
क्षेत्रवार चयनित ग्राम पंचायतें
राज्य के लगभग सभी जिलों से ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। प्रयागराज में सबसे अधिक 20 पंचायतें इस योजना में शामिल की गई हैं, जबकि प्रतापगढ़ में 14, बाराबंकी में 13, अमेठी में 11 और सुलतानपुर व हरदोई में 10-10 पंचायतें शामिल हैं। कुछ जिलों जैसे बलरामपुर, सोनभद्र और कन्नौज से एक-एक ग्राम पंचायत को इस योजना में लिया गया है।
क्या होंगे इसके मुख्य लाभ?
ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता
बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा का लाभ मिलेगा
टेलीमेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
सरकारी योजनाओं की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया में आसानी
ग्रामीण उद्यमों और कारोबार को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का अवसर
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