249 किलोमीटर लम्बा परिवर्तन का मार्ग
करीब ₹15,000 करोड़ की लागत से बनने वाला यह 249 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड की पहाड़ियों से लेकर पूर्वांचल के घाटों तक एक नया संचार सेतु स्थापित करेगा। AICONS Engineers Pvt. Ltd. को इसके सर्वे की ज़िम्मेदारी दी गई है, जो आगामी तीन महीनों में काम शुरू करेगी।
क्या बदलेगा इस एक्सप्रेसवे से?
1. यात्रा का समय घटेगा, जाम से राहत मिलेगी
फिलहाल चित्रकूट से प्रयागराज और वाराणसी की यात्रा में कई घंटे लगते हैं और जाम भी आम बात है। लेकिन 6-लेन हाईस्पीड कॉरिडोर के बनने से यह दूरी तेज़ रफ्तार से तय की जा सकेगी। यह यात्रियों और मालवाहक ट्रकों दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
2. औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
एक्सप्रेसवे औद्योगिक इकाइयों को नए बाजारों से जोड़ने का काम करेगा। कृषि उत्पादों की ढुलाई, कच्चे माल की आपूर्ति और निर्यात की सुविधा बेहतर होगी, जिससे किसानों, कारोबारियों और व्यापारिक संगठनों को लाभ मिलेगा।
3. धार्मिक पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
चित्रकूट, प्रयागराज और वाराणसी तीनों शहर अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। इस कॉरिडोर के जरिए तीर्थयात्रा पहले से कहीं अधिक आसान, तेज़ और सुलभ हो जाएगी। इससे स्थानीय पर्यटन और संबंधित व्यवसायों को नई ऊर्जा मिलेगी।
स्थानीय उम्मीदें और रोजगार के अवसर
इस परियोजना से चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, मिर्जापुर और वाराणसी जैसे जिलों को प्रत्यक्ष लाभ होगा। स्थानीय व्यवसायियों और युवाओं में उत्साह है क्योंकि निर्माण से जुड़ी गतिविधियों से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है। व्यापारी वर्ग मानता है कि माल परिवहन की लागत घटेगी और नए बाज़ारों तक पहुंच आसान होगी। वहीं युवाओं को सड़क निर्माण, लॉजिस्टिक्स और सेवा क्षेत्रों में रोजगार मिल सकेगा।
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