यूपी में दस्तक अभियान: 5 अक्टूबर से सभी जिलों में लागू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित दस्तक अभियान 5 अक्टूबर 2025 से एक बार फिर पूरे प्रदेश में आरंभ होने जा रहा है। यह अभियान न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है, बल्कि समुदाय के हर वर्ग को स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का एक सशक्त माध्यम बन गया है। इस वर्ष यह अभियान 5 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक संचालित होगा, जिसमें 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान विशेष रूप से चलेगा।

स्कूलों से होगी शुरुआत

अभियान की शुरुआत राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में एक साथ होगी। 5 अक्टूबर को सुबह की प्रार्थना सभा में बच्चों को दिमागी बुखार (जेई/एईएस), वेक्टर जनित रोग (जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया) और जल जनित रोगों (जैसे डायरिया, हैजा) से बचाव की जानकारी दी जाएगी। इस अवसर पर विद्यार्थियों को सामूहिक शपथ भी दिलाई जाएगी और विद्यालय परिसर से एक किलोमीटर की परिधि में स्वास्थ्य रैली निकाली जाएगी, जिससे समुदाय में भी संदेश पहुंचे।

गतिविधियों से भरा होगा पूरा महीना

अभियान के तहत अक्टूबर महीने में कई रचनात्मक और जानकारीपरक गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी:

7 से 9 अक्टूबर: पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से विद्यार्थी अपनी रचनात्मकता से जागरूकता फैलाएंगे।

10 से 12 अक्टूबर: विद्यालय और उसके आस-पास की सफाई की जाएगी।

13 से 15 अक्टूबर: क्लोरीनेशन, पानी उबालने और हाथ धोने की सही विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

16 से 18 अक्टूबर: स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ स्कूलों में आकर रोगों की रोकथाम व उपचार पर जानकारी देंगे।

19 से 21 अक्टूबर: विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।

24 से 26 अक्टूबर: वाद-विवाद प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों की सोच और भाषण क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।

27 से 29 अक्टूबर: निबंध लेखन प्रतियोगिता के जरिए विद्यार्थी अपने विचारों को शब्दों में व्यक्त करेंगे।

30-31 अक्टूबर: क्विज प्रतियोगिता का आयोजन होगा, जिससे ज्ञान की परख होगी।

अभिभावकों की भी भागीदारी

इस वर्ष की खास बात यह है कि केवल विद्यार्थी ही नहीं, बल्कि अभिभावकों को भी अभियान से जोड़ने की योजना है। शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे माता-पिता को बच्चों को पूरी बाजू की कमीज व फुल पैंट पहनाने के लिए प्रेरित करें, ताकि मच्छरों से सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

साथ ही, अभिभावकों को सुरक्षित पेयजल, शौचालय के उपयोग, खुले में शौच से हानि और बुखार के लक्षणों को लेकर जागरूक किया जाएगा। यह पहल बच्चों के साथ-साथ पूरे परिवार के स्वास्थ्य की दिशा में प्रभावी साबित होगी। अभियान की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए हर दिन की गतिविधियों की रिपोर्ट, फोटो और प्रतिभागियों की जानकारी जिला स्तर पर शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी।

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