अब पेंशन में नहीं होगी किसी तरह की देरी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि विजिलेंस क्लियरेंस की प्रक्रिया में देरी अब पेंशन में बाधा नहीं बनेगी। सभी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे रिटायरमेंट से कम से कम तीन महीने पहले कर्मचारियों को विजिलेंस क्लियरेंस दे दें। इससे यह सुनिश्चित होगा कि अंतिम समय पर कोई तकनीकी या प्रशासनिक अड़चन न आए।
‘भविष्य’ पोर्टल होगा और भी सशक्त
पेंशन प्रक्रिया को मॉनिटर करने वाला 'भविष्य' पोर्टल अब पहले से ज्यादा ताकतवर और प्रभावी बनाया जाएगा। इसमें ऑटो-फ्लैगिंग और ऑटो-एस्केलेशन जैसी तकनीकें जोड़ी जाएंगी, जिससे किसी भी केस की देरी तुरंत संबंधित अधिकारियों के सामने आ सके और समय रहते कार्रवाई हो।
हर कर्मचारी को मिलेगा ‘पेंशन मित्र’
एक क्रांतिकारी पहल के तहत अब हर रिटायर हो रहे कर्मचारी के लिए एक 'पेंशन मित्र' या वेलफेयर ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी पेंशन से जुड़ी फॉर्मलिटीज में सहायता करेगा और यदि पेंशनर की मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रितों की मदद भी करेगा।
समयसीमा भी किया गया तय
PPO / e-PPO रिटायरमेंट से 60 दिन पहले जारी किया जाएगा। रिटायरमेंट लाभ (ग्रेच्युटी आदि) रिटायरमेंट के अगले दिन ही मिलेंगे। पहली पेंशन रिटायरमेंट के अगले महीने के अंतिम कार्य दिवस तक कर्मचारियों को मिल जाएगी। इससे कर्मचारियों को न केवल मानसिक शांति मिलेगी बल्कि वित्तीय अस्थिरता से भी राहत मिलेगी।
डिजिटल सुधार से कम त्रुटियां
सरकार अब सभी सेवा रिकॉर्ड्स को पूरी तरह डिजिटाइज करेगी। साथ ही e-HRMS और Bhavishya पोर्टल का एकीकृत उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा ताकि डेटा की गड़बड़ी और मैनुअल गलतियों को पूरी तरह खत्म किया जा सके। हर विभाग में हाई-लेवल ओवरसाइट कमेटी बनाई जाएगी जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।

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