घर के सामने पपीते का पेड़ होना शुभ है या अशुभ? जानें

धर्म डेस्क। आजकल शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में लोग अपने घरों के आसपास हरियाली बढ़ाने की दिशा में सजग हो रहे हैं। कई लोग फूलों और फलदार पेड़ों को सजावट और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से लगाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पेड़-पौधे सिर्फ आपके स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए ही नहीं, बल्कि आपके घर के ऊर्जा संतुलन और सुख-शांति को भी प्रभावित कर सकते हैं?

पपीते का पेड़: फलदार पर अशुभ?

पपीता स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी फल है, यह तो हम सभी जानते हैं। लेकिन जब बात वास्तु शास्त्र की आती है, तो इसके पेड़ को घर के सामने लगाना शुभ नहीं माना जाता। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, पपीते का पेड़ घर के ठीक सामने होने पर नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है।

कहा जाता है कि इस पेड़ का घर के सामने होना परिवार में आर्थिक समस्याएं, कलह, तनाव और अशांति का कारण बन सकता है। कुछ परंपराओं में यह भी माना जाता है कि पपीते के पेड़ में पितरों का वास होता है, और इसीलिए इसे घर के सामने लगाना अच्छा नहीं माना जाता।

पितरों का निवास: आस्था या अंधविश्वास?

पपीते के पेड़ को पितरों का वास स्थल माना जाना एक धार्मिक विश्वास है। इस धारणा के पीछे यह मान्यता है कि ऐसे पेड़, जिनमें अधिक समय तक फल और दूध जैसे रस निकलते हैं (जैसे पपीते का कच्चा दूध), वे आत्माओं या पितृ शक्तियों को आकर्षित करते हैं। इसलिए, घर के मुख्य द्वार या आंगन में इसे न लगाने की सलाह दी जाती है।

क्या कहता है वास्तु?

वास्तु शास्त्र प्राकृतिक ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित रखने पर जोर देता है। यह मान्यता है कि कुछ विशेष पौधे  जैसे कि पपीता  नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा दे सकते हैं अगर उन्हें गलत दिशा या स्थान पर लगाया जाए। खासकर उत्तर, पूर्व या मुख्य द्वार के ठीक सामने इनका होना घर की ऊर्जा को बाधित कर सकता है।

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