किन शिक्षकों को होगा लाभ?
राज्य में वर्तमान में 225 वित्तरहित डिग्री कॉलेज हैं, जहां लगभग 15 हजार शिक्षक और कर्मचारी कार्यरत हैं। इसके अलावा, 625 वित्त अनुदानित हाईस्कूल और 599 इंटरमीडिएट कॉलेजों में लगभग 25 हजार शिक्षक और कर्मचारी हैं। इस निर्णय से इन सभी को लाभ मिलने की संभावना है।
उच्च स्तरीय कमेटी का गठन
इस विषय पर ठोस कार्रवाई के लिए राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस कमेटी में विकास आयुक्त, सामान्य प्रशासन, वित्त, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष और शिक्षा विभाग के निदेशक शामिल हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस कमेटी का सदस्य सचिव बनाया गया है।
उप मुख्यमंत्री की है घोषणा
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस पहल को "बड़ी खुशखबरी" बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्तरहित शिक्षकों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल वेतनमान लागू करेगी, बल्कि इससे जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित करेगी।
संस्कृत स्कूलों और मदरसों की भी होगी समीक्षा
सरकार की यह योजना केवल डिग्री कॉलेज और स्कूलों तक सीमित नहीं है। संस्कृत स्कूलों और मदरसों के लिए भी यह समिति समीक्षा करेगी। इन संस्थानों को स्थापना मद में अनुदान देने, और शिक्षकों-कर्मियों को नियमित वेतन देने के प्रस्तावों पर भी विचार किया जाएगा।
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