केंद्र सरकार के 4 बड़े फैसले: नागरिकों के लिए बड़ी खुशखबरी!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 26 नवंबर, 2025 को चार बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का कुल निवेश ₹19,919 करोड़ है। इनमें सबसे अहम परियोजना है रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) मैन्युफैक्चरिंग स्कीम, जो भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ाने और हाई-टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।

रेयर अर्थ मैग्नेट विनिर्माण योजना

भारी उद्योग मंत्रालय के अनुसार, इस योजना के तहत अगले 7 सालों में 7,280 करोड़ रुपये की निवेश राशि से भारत में 6,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MTPA) की क्षमता वाली इंटीग्रेटेड REPM विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। REPM उच्च शक्ति वाले परमानेंट मैग्नेट होते हैं, जिनका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी, इलेक्ट्रॉनिक्स, एयरोस्पेस और रक्षा उपकरणों में किया जाता है। इस योजना में REPM बनाने की पूरी प्रक्रिया शामिल है। रेयर अर्थ ऑक्साइड से मेटल, मेटल से एलॉय और एलॉय से फिनिश्ड मैग्नेट।

ग्लोबल रेस और आत्मनिर्भरता

वर्तमान में चीन वैश्विक REPM सप्लाई चेन में हावी है और उसने इसे अपने जियोपॉलिटिकल हितों के लिए नियंत्रित किया हुआ है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारत में ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गोवा और गुजरात के तटीय क्षेत्रों में और गुजरात तथा महाराष्ट्र के पहाड़ी इलाकों में REPM के लिए आवश्यक रेयर अर्थ्स उपलब्ध हैं। परमानेंट मैग्नेट हल्के और भारी रेयर अर्थ्स के मिश्रण से बनाए जाएंगे। इन्हें खदान से निकालना, प्रोसेस करना और रिफाइन करना चुनौतीपूर्ण है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

भारत अपनी REPM उत्पादन योजना के तहत ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथ सहयोग करेगा। ऑस्ट्रेलिया के पास बड़ी मात्रा में अछूते रेयर अर्थ्स मौजूद हैं, जबकि जापान तकनीकी विशेषज्ञता में अग्रणी है। इस साझेदारी से भारत अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता और आत्मनिर्भरता दोनों बढ़ा सकेगा।

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