कौन मिलेगा पेंशन?
नए नियमों के अनुसार सबसे पहले पेंशन का अधिकार विधवा या विधुर को है। यदि विधवा/विधुर नहीं हैं, तो पेंशन योग्य बच्चों, आश्रित माता-पिता और विकलांग भाई-बहनों को दी जाएगी।
दूसरी पत्नी को पेंशन का हक नहीं
सरकार ने स्पष्ट किया है कि “विधवा/विधुर” केवल कानूनी रूप से शादीशुदा जीवनसाथी को दर्शाता है। यदि कोई दूसरी शादी कानूनी मान्यता नहीं रखती, तो दूसरी पत्नी को पेंशन का अधिकार नहीं मिलेगा।
दो पत्नियों के मामले में नया नियम
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 के नियम 50(8)(c) के तहत, यदि किसी कर्मचारी की दो कानूनी पत्नियां हैं, तो फैमिली पेंशन दोनों में बराबर बांटी जाएगी। अगर किसी एक पत्नी की मृत्यु हो जाती है या वह पात्र नहीं रहती, तो उसका हिस्सा उसके बच्चों को मिलेगा।
कानूनी विवादों से बचाव
यदि किसी कर्मचारी ने पहली शादी खत्म किए बिना दूसरी शादी की है, तो यह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के खिलाफ माना जाएगा। ऐसे मामलों में पेंशन विवाद अदालत या ट्रिब्यूनल तक पहुंच सकता है। इसलिए सरकार ने सभी विभागों और मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में केवल कानूनी सलाह लेने के बाद ही पेंशन वितरण का फैसला करें।
सरल और स्पष्ट वितरण
इस नए निर्देश से फैमिली पेंशन के मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और परिवारों को समय पर राहत मिलेगी। अब किसी भी विवाद या कन्फ्यूजन के बिना पेंशन सही व्यक्ति को मिलेगी, चाहे मामला कितनी भी जटिल क्यों न हो।

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