भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया फिर से सक्रिय
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से परियोजना निदेशक राजू कुमार ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को प्रस्ताव भेजकर भूमि अधिग्रहण संबंधी पुराने रिकॉर्ड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। बताया गया है कि पहले मुजफ्फरपुर–छपरा एनएच के निर्माण के दौरान जो जमीन अधिग्रहीत की गई थी, अब उसी आधार पर फोरलेन परियोजना का नया आकलन किया जाएगा। NHAI की टीम ने पूर्व में किए गए सर्वेक्षण के लगभग 98 बिंदुओं का पूरा विवरण भी जिला प्रशासन को सौंप दिया है, ताकि खतियान से मिलान कर आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके।
सरैया अंचल की जमीन होगी पुनर्मूल्यांकन में
अधिकांश भूमि सरैया अंचल में अधिग्रहीत की गई थी। प्रशासन अब इन जमीनों के खतियान का अवलोकन कर सीमांकन और मापी प्रक्रिया शुरू करेगा। इसी से यह तय होगा कि फोरलेन सड़क और नए पुल के लिए अतिरिक्त कितनी भूमि की आवश्यकता पड़ेगी। परियोजना निदेशक ने इसे प्राथमिकता देते हुए त्वरित रिपोर्ट की मांग की है ताकि निर्माण जल्द प्रारंभ किया जा सके।
पुराना पुल संकीर्ण, हर दिन बनता है जाम का कारण
वर्तमान में रेवा घाट पर पहले से एक पुल मौजूद है, पर वह अत्यंत संकीर्ण होने के कारण भारी वाहनों के बढ़ते दबाव को झेल नहीं पा रहा। सुबह-शाम तो जाम की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि घंटों तक वाहन फंसे रहते हैं। मुजफ्फरपुर–छपरा एनएच पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। यही कारण है कि फोरलेन सड़क और नए चौड़े पुल की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी।

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