बिहार में नियोजित शिक्षकों को खुशखबरी, आदेश हुआ जारी!

पटना। बिहार के हजारों नियोजित शिक्षकों और शिक्षिकाओं के लिए शुक्रवार का दिन बेहद राहत भरी खबर लेकर आया। शिक्षा विभाग ने लंबे समय से लंबित पड़े सेवा निरंतरता और सेवा गणना से संबंधित आदेश को आधिकारिक रूप से जारी कर दिया है। इस फैसले से विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों की पूर्व में की गई सेवा को प्रोन्नति योग्य माना जाएगा, जिससे उनकी पदोन्नति के मार्ग अब पहले की तुलना में अधिक स्पष्ट और सुगम हो सकेंगे।

समिति की अनुशंसा पर मुहर

9 सितंबर 2025 को गठित समिति ने शिक्षकों की पूर्व सेवाओं को मान्यता देने की सलाह दी थी। विभागीय सचिव ने आदेश में स्पष्ट किया कि इन अनुशंसाओं को सरकार तथा शिक्षा विभाग ने स्वीकार कर लिया है। इसके अनुसार कक्षा 1 से 5 के विशिष्ट शिक्षक और विद्यालय अध्यापक को कक्षा 6 से 8 में पदोन्नति के लिए पूर्व सेवा मान्य होगी।

जबकि कक्षा 9 और 10 के विशिष्ट शिक्षक व विद्यालय अध्यापक की पूर्व सेवा को कक्षा 11–12 में पदोन्नति के लिए गणना में शामिल किया जाएगा। स्थानीय निकायों के अंतर्गत प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा भी अब कुल कार्यावधि में जोड़ी जाएगी, जिसे पहले कई स्थानों पर स्पष्ट मान्यता नहीं मिल रही थी। इस आदेश के लागू होते ही प्रोन्नति के इंतजार में बैठे हजारों शिक्षकों को बड़ा लाभ मिलेगा।

पदोन्नति पर शिक्षा विभाग का स्पष्ट रूख

हालाँकि आदेश में यह भी साफ किया गया है कि पदोन्नति अधिकार नहीं, बल्कि उपलब्ध रिक्तियों पर आधारित प्रक्रिया है। विभागीय नीतियों, योग्यता और पात्रता शर्तों का पालन अनिवार्य होगा। प्रोन्नति निर्णय विभाग की तत्कालीन प्रचलित नीति के अनुसार ही लिए जाएंगे। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि सेवा की गणना होने का अर्थ यह नहीं कि सभी शिक्षकों को स्वतः पदोन्नति मिल ही जाएगी; प्रक्रिया नियमित नियमों के तहत होगी।

शिक्षकों में खुशी, पर कुछ मांगें अभी भी शेष

विधान पार्षद वंशीधर ब्रजवासी ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि सेवा गणना पर स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने से शिक्षकों की पदोन्नति वर्षों से अटकी हुई थी। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि “पूर्व सेवा की गणना केवल प्रोन्नति के लिए ही नहीं, बल्कि ग्रेच्यूटी, पेंशन और अन्य वित्तीय लाभों के लिए भी की जानी चाहिए।” शिक्षक संगठन भी लंबे समय से इसी मांग को उठा रहे थे कि अनुभव और सेवा अवधि का सही मूल्यांकन किया जाए।

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