साप्ताहिक अपडेट का मकसद
इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्रेडिट जानकारी को अधिक सटीक, पारदर्शी और समयोचित बनाना है। नए नियम लागू होने के बाद ग्राहक की लोन गतिविधि, क्रेडिट कार्ड का उपयोग, भुगतान व्यवहार और खाता बंद होने जैसी प्रमुख जानकारियाँ हर सप्ताह अपडेट होंगी।
नया सिस्टम कैसे काम करेगा
महीने के सातवें, चौदहवें, इक्कीसवें, अठ्ठाईसवें और महीने के आखिरी दिन बैंक और वित्तीय संस्थान क्रेडिट ब्यूरो को डेटा भेजेंगे। सप्ताह में केवल पिछले अपडेट के बाद हुए बदलाव ही रिपोर्ट किए जाएंगे, जैसे कि लोन किस्त का भुगतान, नया लोन, क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान या खाता बंद होना। महीने के अंत में सभी सक्रिय और हाल ही में बंद हुए खातों की पूरी रिपोर्ट भेजना अनिवार्य होगा। प्रस्तावित प्रणाली एक अप्रैल 2026 से लागू होने का लक्ष्य रखती है।
क्रेडिट स्कोर क्या है और क्यों जरूरी है
क्रेडिट स्कोर तीन अंकों का नंबर होता है जो आपकी क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है। बैंक और वित्तीय संस्थान इसी स्कोर के आधार पर लोन स्वीकृति और ब्याज दर तय करते हैं। आमतौर पर स्कोर 300 से 900 के बीच होता है:
750–900 : बहुत अच्छा, लोन आसानी से मंजूर, ब्याज दर कम
700–749 : अच्छा, ज्यादातर लोन मिल जाते हैं
650–699 : ठीक-ठाक, कई बार अतिरिक्त दस्तावेज मांगे जाते हैं
550–649 : कमजोर, ब्याज दर अधिक
300–549 : बहुत खराब, लोन मुश्किल
उपभोक्ताओं के लिए लाभ
साप्ताहिक अपडेट से ग्राहकों का भुगतान इतिहास तेजी से क्रेडिट स्कोर में दिखेगा। इससे नई लोन और क्रेडिट कार्ड की मंजूरी आसान होगी और किसी भी गलत या अधूरी जानकारी को समय रहते सुधारना संभव होगा। साप्ताहिक डेटा से ऋणदाता ग्राहकों की मौजूदा वित्तीय स्थिति को बेहतर समझ सकेंगे। क्रेडिट लिमिट का अत्यधिक उपयोग या भुगतान में देरी जैसी चीज़ें जल्दी सामने आएंगी। इससे जोखिम का मूल्यांकन सटीक होगा और कर्ज चूक की संभावना कम होगी।
पूरा वित्तीय ढांचा होगा मजबूत
साप्ताहिक रिपोर्टिंग से देश के ऋण ढांचे में पारदर्शिता बढ़ेगी, धोखाधड़ी और गलत रिपोर्टिंग कम होगी। RBI का यह कदम भारतीय वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को और आधुनिक, विश्वसनीय और वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाएगा।
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