लंबी दूरी तक मार की क्षमता को मिली मजबूती
साउदर्न कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने इस सफल लॉन्च की सराहना करते हुए कहा कि यह परीक्षण भारतीय सेना की लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता को और अधिक धारदार बनाता है। उनके अनुसार, यह प्रदर्शन सिर्फ तकनीकी उत्कृष्टता का प्रमाण नहीं, बल्कि सेना की तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का भी स्पष्ट संकेत है।
स्वदेशी तकनीक की बड़ी उपलब्धि
ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से विकसित हुई थी, लेकिन अब इसका संचालन, रख-रखाव और आगे का विकास पूरी तरह भारतीय संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। इस सफल परीक्षण से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत स्वदेशी रक्षा प्रणालियों पर भरोसा बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रगति कर रहा है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति
देश के लिए यह परीक्षण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत की डिफेंस इंडस्ट्री में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को मजबूत करता है। स्वदेशी तकनीक पर आधारित मिसाइल प्रणालियों की विश्वसनीयता बढ़ने से भारत भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना अधिक आत्मविश्वास के साथ कर सकेगा। यह रक्षा उत्पादन क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और घरेलू क्षमता को भी प्रोत्साहित करता है।

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