यूपी में DL बनवाने के न‍ियमों में बड़ा बदलाव, तुरंत जानें!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है। अब घर बैठे या सिर्फ लर्नर लाइसेंस लेकर वाहन चलाने वाले लोग सीधे परमानेंट डीएल नहीं बनवा पाएंगे। नई प्रक्रिया में ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर पर वाहन चलाने की वास्तविक क्षमता साबित करना अनिवार्य होगा।

नए नियमों के प्रमुख बिंदु

1 .आवेदकों को कार या बाइक चलाते हुए एट-ट्रैक (आठ-आकृति वाला ट्रैक) पूरा करना होगा।

2 . बाइक और कार के लिए ट्रैक को पार करने का समय 3.25 मिनट तय किया गया है। इस दौरान किसी भी गलती पर सेंसर बीप करेगा और कैमरे में कैद होने पर डीएल के लिए आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।

3 .घर बैठे लर्नर लाइसेंस लेकर सीधे परमानेंट डीएल बनवाने की सुविधा समाप्त। अब ऑनलाइन स्लॉट बुक कराने के बाद आवेदक को ट्रांसपोर्ट नगर या देवा रोड एआरटीओ कार्यालय जाना होगा, जहां बायोमीट्रिक और आवेदन की स्क्रूटनी की जाएगी।

प्रशिक्षण और सिम्युलेटर

डीएल बनवाने वाले आवेदक को पहले सिम्युलेटर पर प्रशिक्षण लेना होगा। यह सिम्युलेटर मोबाइल या कंप्यूटर गेम जैसा है, जिसमें वाहन चलाते समय ट्रैफिक नियमों और रफ्तार नियंत्रण का पालन सिखाया जाता है। सिम्युलेटर प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद ही आवेदक को वास्तविक ऑटोमेटिक ट्रैक पर वाहन चलाना होगा।

ट्रैक और समय सीमा

ट्रैक में सेंसर गेट और कैमरे लगे हैं। कार, बाइक और ट्रक के लिए अलग-अलग ट्रैक उपलब्ध हैं।

कार की पैरलल पार्किंग, ग्रेडिएंट (चढ़ाई) और रिवर्सिंग के लिए आवेदक को 45-45 सेकंड मिलेंगे।

ट्रक चालक के लिए पैरलल पार्किंग में 60 सेकंड, ग्रेडिएंट में 45 सेकंड और रिवर्सिंग में 75 सेकंड का समय दिया जाएगा।

पूरे ट्रैक में जगह-जगह सेंसर और कैमरे लगे हैं। गलती होने पर बीप और कैमरा रिकॉर्ड करेगा, जिससे डीएल अस्वीकार किया जा सकता है।

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