पहले क्या था नियम?
अब तक पेट्रोल-डीजल पंप खोलने के लिए जिलाधिकारी से 10 विभागों की एनओसी लेनी पड़ती थी। इनमें राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, जिला पंचायत, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस विभाग, वन विभाग, बिजली विभाग और अन्य शामिल थे। इन सभी विभागों से अनुमति लेने में कई महीनों का समय लग जाता था, जिससे व्यवसाय शुरू करना मुश्किल हो जाता था।
अब क्या बदला?
नई व्यवस्था के तहत अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए केवल 4 विभागों से एनओसी लेना अनिवार्य होगा: राजस्व विभाग, बिजली विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD), विकास प्राधिकरण / आवास विकास परिषद / औद्योगिक विकास प्राधिकरण। बाकी विभागों के लिए अब आवेदक का स्वघोषणा पत्र ही पर्याप्त माना जाएगा। इससे प्रक्रिया सरल और तेज हो जाएगी।
डिजिटल प्रक्रिया से पारदर्शिता
जिलाधिकारी द्वारा जारी एनओसी डिजिटल रूप में आवेदक के लॉग-इन पर उपलब्ध होगी। इसे ऑनलाइन डाउनलोड किया जा सकेगा और आवेदन का स्टेटस भी ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और समय की बचत होगी।
पेट्रोल पंप लाइसेंस कैसे लें?
पेट्रोल पंप खोलने के लिए आवेदन मुख्य रूप से सरकारी या निजी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के माध्यम से किया जाता है। देश की प्रमुख तेल कंपनियां जैसे इंडियन ऑयल (IOCL), भारत पेट्रोलियम (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) समय-समय पर विभिन्न लोकेशनों के लिए पेट्रोल पंप डीलरशिप के विज्ञापन जारी करती हैं।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया:
संबंधित तेल कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें। आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। चयन होने पर लाइसेंस और एनओसी की प्रक्रिया पूरी करें। जमीन का स्वामित्व या लीज होना जरूरी है। सुरक्षा मानकों और तकनीकी शर्तों का पालन अनिवार्य है।

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