नए साल पर मोदी सरकार का तोहफा, नागरिकों को खुशखबरी

नई दिल्ली। नया साल 2026 देश के करोड़ों नागरिकों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आ रहा है। केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने गैस टैरिफ में कटौती का फैसला किया है, जिसका सीधा फायदा CNG और घरेलू पाइप नेचुरल गैस (PNG) उपभोक्ताओं को मिलेगा। 

इस फैसले के बाद 1 जनवरी 2026 से CNG और PNG की कीमतों में 2 से 3 रुपये प्रति यूनिट तक कमी आने की संभावना है। PNGRB के सदस्य ए.के. तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि नए टैरिफ ढांचे से न केवल परिवहन क्षेत्र को राहत मिलेगी, बल्कि घरेलू रसोई बजट पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा। खासकर टैक्सी, ऑटो और निजी वाहन चालकों के साथ-साथ पाइप गैस इस्तेमाल करने वाले परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा।

टैरिफ ढांचे में बड़ा बदलाव

इस राहत के पीछे गैस वितरण व्यवस्था में किया गया अहम सुधार है। अब तक गैस टैरिफ दूरी के आधार पर तीन अलग-अलग जोन में तय किया जाता था, जिससे कीमतों में असमानता बनी रहती थी। नई व्यवस्था में इसे तीन जोन से घटाकर दो जोन कर दिया गया है। नए ढांचे के तहत जोन-1 की दर 54 रुपये तय की गई है, जो पहले 80 रुपये से लेकर 107 रुपये तक हुआ करती थी। इस बदलाव से गैस की कीमतों को अधिक तर्कसंगत और सरल बनाया गया है, जिससे पूरे देश में एक समान प्रभाव देखने को मिलेगा।

आम उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा फायदा

इस निर्णय का असर देश के 312 भौगोलिक क्षेत्रों में कार्यरत 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों पर पड़ेगा। सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि टैरिफ में कटौती का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाए। PNGRB इस प्रक्रिया की निगरानी करेगा ताकि कंपनियां कीमतों में की गई कटौती को जनता तक सही तरीके से ट्रांसफर करें। इससे न केवल ईंधन खर्च घटेगा, बल्कि रोजमर्रा की जरूरतों पर होने वाला घरेलू खर्च भी कम होगा।

सरकार का लक्ष्य: गैस का ज्यादा इस्तेमाल

सरकार का उद्देश्य इस फैसले के जरिए देश में प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर वैट (VAT) में कमी और गैस से जुड़े बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भी काम किया जा रहा है। वर्तमान में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियां मिलकर देशभर में गैस नेटवर्क को तेजी से फैलाने में जुटी हैं। उम्मीद है कि सस्ती दरों और बेहतर उपलब्धता से आने वाले वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा की ओर लोगों का रुझान और बढ़ेगा।

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