लोन सुविधा कैसे मिलेगी
अब NPS में निवेश करने वाले लोग किसी रेगुलेटेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से लोन ले सकते हैं। इस लोन के लिए संस्था को सब्सक्राइबर के NPS खाते पर लियन या चार्ज लगाने की अनुमति होगी। हालांकि, यह सुविधा सब्सक्राइबर के अपने योगदान के 25% तक सीमित रहेगी। पहले यह नियम बिल्कुल प्रतिबंधित था और पेंशन कॉर्पस पर किसी भी तरह का असाइनमेंट, गिरवी या चार्ज मान्य नहीं था।
आंशिक निकासी में बदलाव
आंशिक निकासी के नियमों में भी सुधार किया गया है। अब घर खरीदने या बनाने के लिए वन-टाइम निकासी की सुविधा मिलेगी। मेडिकल जरूरतों के लिए निकासी का दायरा भी बढ़ाया गया है, जिसमें सब्सक्राइबर, जीवनसाथी, बच्चों या माता-पिता के इलाज के लिए निकासी की अनुमति होगी। वहीं, पहले लागू स्किल डेवलपमेंट, स्टार्ट-अप या खुद का वेंचर शुरू करने जैसे उद्देश्यों को सूची से हटा दिया गया है।
नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर में राहत
नॉन-गवर्नमेंट एनपीएस सब्सक्राइबर्स के लिए भी नियम आसान किए गए हैं। पहले लागू 5 साल की न्यूनतम लॉक-इन अवधि अब हटा दी गई है। सामान्य एग्जिट के लिए वेस्टिंग पीरियड अब 15 साल या स्कीम में तय किसी अधिक अवधि तक या 60 साल की उम्र तक रहेगा।
निकासी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव
अब नॉन-गवर्नमेंट एनपीएस सब्सक्राइबर्स अपने कॉर्पस का 80% तक लमसम निकाल सकते हैं और कम से कम 20% एन्युटी में लगाना अनिवार्य होगा। 12 लाख रुपए तक के कुल कॉर्पस वाले सब्सक्राइबर्स के लिए अलग विकल्प भी निर्धारित किए गए हैं। 8 लाख रुपए तक के कॉर्पस पर 100% लमसम निकासी की अनुमति होगी, जबकि 8 लाख से 12 लाख रुपए तक के कॉर्पस में 6 लाख रुपए तक लमसम निकासी की जा सकेगी।
PFRDA की गाइडलाइंस और पारदर्शिता
PFRDA ने कहा है कि इस नई सुविधा के लिए विस्तृत गाइडलाइंस जारी की जाएंगी, जिनमें लेंडर्स, इंटरमीडियरी और रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियों के लिए प्रक्रियाएं और शर्तें स्पष्ट की जाएंगी। इसका उद्देश्य पेंशन बचत को सुरक्षित रखते हुए सब्सक्राइबर्स को जरूरत के समय वित्तीय सहारा देना है।

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