सफर होगा तेज और आसान
228 किलोमीटर लंबा यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे आगरा से बरेली तक की दूरी को काफी कम समय में तय करने में मदद करेगा। वर्तमान में जहां इस मार्ग पर पांच से छह घंटे लग जाते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह सफर महज दो से ढाई घंटे में पूरा हो सकेगा। इससे यात्रियों को जाम से राहत मिलेगी और ईंधन व समय दोनों की बचत होगी।
इन जिलों को मिलेगा सीधा फायदा
यह एक्सप्रेसवे आगरा, मथुरा, हाथरस, कासगंज, बदायूं और बरेली सहित कुल 15 जिलों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जोड़ेगा। इन क्षेत्रों में व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। खास तौर पर आगरा और मथुरा से बरेली की कनेक्टिविटी पहले से कहीं बेहतर हो जाएगी।
चार चरणों में चल रहा निर्माण कार्य
एनएचएआई के अनुसार परियोजना को चार चरणों में पूरा किया जा रहा है। मथुरा से हाथरस के बीच लगभग दो-तिहाई कार्य पूरा हो चुका है और कुछ हिस्सों में यातायात भी शुरू हो गया है। हाथरस से कासगंज के बीच निर्माण कार्य लगभग पूरा होने के बाद वाहनों का संचालन किया जा रहा है। कासगंज से बदायूं खंड पर निर्माण की प्रक्रिया शुरुआती चरण में है। बदायूं से बरेली तक के हिस्से में भी काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। दो चरणों में करीब 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिससे परियोजना के समय से पहले पूरा होने की संभावना जताई जा रही है।
आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा एक्सप्रेसवे
करीब 7,700 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस चार लेन एक्सप्रेसवे पर आधुनिक बुनियादी ढांचे का ध्यान रखा गया है। मार्ग पर फ्लाईओवर, अंडरपास, बड़े पुल और रेल ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय यातायात को भी सुगमता मिलेगी और दुर्घटनाओं की संभावना कम होगी।आगरा–बरेली एक्सप्रेसवे को वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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