अमेरिका पर भारी भारत-रूस की दोस्ती, ट्रंप के उड़े होश!

नई दिल्ली: अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस के बीच ऊर्जा सहयोग मजबूत बने हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की प्रमुख तेल कंपनियों पर बैन लगाया था, ताकि रूस से तेल की आपूर्ति को रोका जा सके। लेकिन भारत ने इस स्थिति का लाभ उठाते हुए रूस से तेल आयात को बढ़ाया है। दिसंबर में भारत का रूसी तेल आयात 10 लाख बैरल प्रति दिन से अधिक होने का अनुमान है, जो अमेरिकी उम्मीदों के विपरीत है।

भारत में बढ़ा रूसी तेल आयात

रिपोर्ट्स के अनुसार भारत ने नवंबर में रूस से 17 लाख बैरल प्रति दिन तेल आयात किया था, जो अक्टूबर के मुकाबले 3.4% अधिक था। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद कई रिफाइनर्स ने खरीद कम कर दी थी, लेकिन भारत ने उन कंपनियों से तेल खरीदना जारी रखा, जिन पर प्रतिबंध का असर नहीं है। एलएसईजी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में आयात 12 लाख से 15 लाख बैरल प्रति दिन तक पहुंच सकता है।

कौन सी कंपनियां आ रही हैं सामने

अमेरिका ने रोसनेफ्ट और लुकोइल पर बैन लगाया था, लेकिन भारत ने अन्य रूसी कंपनियों से तेल खरीद बढ़ा दिया है। इन कंपनियों ने दिसंबर में कई कार्गो भारतीय बंदरगाहों पर भेजे हैं। जनवरी में भी यह स्तर लगभग समान रहने की संभावना है, हालांकि कुछ रिफाइनर्स ने खरीद को रोक दिया है।

सरकारी रिफाइनर्स की भूमिका

सरकारी रिफाइनर्स इंडियन ऑयल कॉर्प, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रूसी तेल की खरीद बढ़ा रहे हैं। प्राइवेट रिफाइनर नायरा एनर्जी भी रूसी तेल खरीद जारी रखे हुए है। वहीं, रिलायंस और एचपीसीएल ने कुछ हिस्सों के लिए खरीदारी रोक दी है।

भारत बना रूस का प्रमुख खरीदार

यूक्रेन युद्ध के बाद रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते भारत समुद्री मार्ग से रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया। हालांकि इस खरीद ने अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में तनाव पैदा किया है। रूस की कंपनियां अपने उत्पादों के आदान-प्रदान और प्रोडक्शन बढ़ाकर भारत सहित अन्य बाजारों को तेल सप्लाई कर रही हैं।

0 comments:

Post a Comment