यह योजना खासतौर पर सड़क दुर्घटनाओं में तत्काल सहायता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। पहले इस योजना के अंतर्गत ₹5,000 की पुरस्कार राशि दी जाती थी, लेकिन इसे बढ़ाकर अब ₹25,000 कर दिया गया है, जिससे अधिक से अधिक लोग सड़क पर घायल व्यक्तियों की मदद के लिए आगे आएं।
कैसे मिलेगा इनाम?
मददगार व्यक्ति यदि घायल को सीधे अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाता है, तो अस्पताल प्रबंधन पुलिस को इसकी सूचना देगा। साथ ही, एक प्रति उस मददगार को भी दी जाएगी। इसके बाद पुलिस द्वारा जिलाधिकारी (कलेक्टर) को जानकारी भेजी जाएगी और अंततः परिवहन विभाग द्वारा सत्यापन के बाद यह पुरस्कार राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
क्या है "गोल्डन ऑवर"?
गोल्डन ऑवर वह पहला एक घंटा होता है, जो किसी सड़क दुर्घटना के बाद सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक माना जाता है। इस समय के भीतर अगर घायल को उचित इलाज मिल जाए, तो उसकी जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
सरकार का संदेश
राज्य सरकार का कहना है कि इस योजना का उद्देश्य है कि "कोई भी घायल व्यक्ति सड़क पर इलाज के बिना न छूटे।" योजना लोगों को यह प्रोत्साहन देती है कि वे बिना किसी डर या झिझक के सड़क हादसे में घायल लोगों की मदद करें और एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाएं।
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