स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बुधवार को कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि फिलहाल स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सावधानी और सतर्कता जरूरी है। उन्होंने कहा कि थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे देशों में JN.1 उपवेरिएंट के मामलों में तेजी देखी गई है, ऐसे में यूपी में भी सतत निगरानी आवश्यक है।
अस्पतालों में विशेष इंतजाम
इमरजेंसी वार्डों में बेड आरक्षित किए गए हैं।
आईसीयू और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है।
प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी कोविड टेस्टिंग किट भेजी जा चुकी हैं।
जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, जिससे लक्षण दिखने पर तत्काल जांच हो सके।
पूर्व की सुविधाएं फिर सक्रिय
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कोविड की पिछली लहरों के दौरान बनाए गए सभी ICU, ऑक्सीजन प्लांट और अन्य सुविधाएं स्थायी रूप से क्रियाशील रखी जाएं। इन सुविधाओं का नियमित परीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो।
स्वास्थ्यकर्मियों को नया प्रशिक्षण
सरकार ने यह भी तय किया है कि कोविड के दौरान उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्यों में भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे संकट की स्थिति में उनका प्रभावी उपयोग किया जा सके।
कोविड एडवाइजरी और सावधानियां
केंद्र सरकार की एडवाइजरी के अनुसार, भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मास्क का प्रयोग, नियमित हाथ धोना, और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराना अत्यंत आवश्यक है। वरिष्ठ नागरिकों और पूर्व-रोगग्रस्त व्यक्तियों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
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