रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल
AMCA पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन और विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना का नेतृत्व रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और एयरोनॉटिकल डिवेलपमेंट एजेंसी (ADA) कर रहे हैं, जबकि निर्माण कार्य हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना के तहत भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसी योजनाओं को भी नया बल मिलेगा।
क्या है खास AMCA में?
स्टील्थ डिजाइन: यह विमान दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम होगा।
सुपर क्रूज़ क्षमता: बिना अतिरिक्त बर्नर के ध्वनि की गति से तेज उड़ान भरने की तकनीक।
मल्टीरोल प्रदर्शन: वायुसेना को हवाई युद्ध, ग्राउंड अटैक और टोही मिशनों में सक्षम बनाएगा।
एडवांस एवियोनिक्स और सेंसर सिस्टम: यह विमान आधुनिक युद्ध के हर पहलू में सक्षम होगा।
वैश्विक पटल पर भारत की मजबूती
अब तक अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के पास ही पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट्स हैं। अमेरिका के पास F-22 Raptor और F-35, रूस के पास Su-57 और चीन के पास J-20 जैसे विमान हैं। ऐसे में भारत का AMCA, रणनीतिक दृष्टि से एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।
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