भारत का घातक 'गुप्त हथियार': घर में घुसकर करेगा वार!

नई दिल्ली। भारत की रक्षा शक्ति को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अधीन कार्यरत एरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (ADE) एक अत्याधुनिक स्टेल्थ सुसाइड ड्रोन Swift-K का विकास कर रहा है। यह ड्रोन न केवल रडार से बचकर दुश्मन के इलाके में घुसपैठ करने में सक्षम होगा, बल्कि बेहद सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को भी तबाह कर सकेगा।

क्या है Swift-K की खासियत?

Swift-K एक स्टेल्थ तकनीक से लैस सुसाइड ड्रोन है, जिसे गुप्त सैन्य अभियानों के लिए तैयार किया जा रहा है। यह ड्रोन इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्शन सिस्टम से बचने में सक्षम होगा, जिससे यह दुश्मन की नजरों से बचते हुए उसके क्षेत्र में गहराई तक प्रवेश कर सकता है। इसमें आधुनिक नेविगेशन सिस्टम, लक्ष्य निर्धारण तकनीक और उच्च स्तर की मारक क्षमता शामिल है।

बजट और विकास प्रक्रिया

इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर अनुमानित तौर पर ₹150 से ₹200 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें डिज़ाइन, परीक्षण, प्रोटोटाइप निर्माण, उत्पादन और फील्ड इंटीग्रेशन की सभी लागतें शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निवेश भारत को भविष्य के युद्ध परिदृश्यों के लिए बेहतर तरीके से तैयार करेगा।

आगे की दिशा: AI से लैस होंगे अगली पीढ़ी के ड्रोन

ADE केवल Swift-K तक सीमित नहीं है। भविष्य की योजना में AI आधारित स्टेल्थ ड्रोन विकसित करने पर काम चल रहा है, जो पूरी तरह स्वायत्त (Autonomous) होंगे। ये ड्रोन मिशन को इंसानी हस्तक्षेप के बिना ही अंजाम देने में सक्षम होंगे, जिनमें मशीन लर्निंग द्वारा लक्ष्य पहचान, रूट मैपिंग और मिशन एक्ज़ीक्यूशन की क्षमता होगी।

रणनीतिक दृष्टि से भारत के लिए यह एक बड़ा कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि Swift-K भारत की रणनीतिक क्षमता को बढ़ाने वाला एक अहम कदम है। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की गतिविधियों को देखते हुए, इस तरह की गुप्त और मारक शक्ति भारत की डिटरेंस रणनीति को मजबूत करती है।

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