बता दें की इस निगरानी कार्य की जिम्मेदारी राज्यभर के शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों को सौंपी गई है। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) के निदेशक विनायक मिश्र के निर्देशन में इस कार्य योजना को मंगलवार को सभी संबंधित संस्थानों को जारी कर दिया गया है।
कौन-कौन से स्कूल होंगे शामिल?
आपको बता दें की इस योजना के दायरे में राज्य के तीनों स्तर के विद्यालयों को शामिल किया गया है: 40,556 प्राथमिक विद्यालय, 31,297 मध्य विद्यालय और 9,360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय को इसमें शामिल किया गया हैं।
किन संस्थानों को दी गई है जिम्मेदारी?
राज्य के सभी: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET), प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय, प्रखंड शिक्षक शिक्षा संस्थान, अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय के प्राचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने संस्थानों के संकाय सदस्यों को विद्यालयों की जिम्मेदारी सौंपें। इन सदस्यों को न केवल निरीक्षण करना होगा, बल्कि शिक्षकों को शिक्षण में आवश्यक मार्गदर्शन भी देना होगा।
किन बिंदुओं पर होगी निगरानी?
यह योजना शिक्षण प्रक्रिया की संपूर्ण गुणवत्ता पर केंद्रित होगी। निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा: शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति, कक्षा संचालन की गुणवत्ता, शिक्षण सहगामी गतिविधियों की स्थिति, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, शिक्षकों की पढ़ाने की शैली और छात्रों की सीखने की स्थिति।
0 comments:
Post a Comment