डॉक्टरों के अनुसार, लंबे समय तक एक ही पैड का उपयोग संक्रमण, बदबू, स्किन रैशेज़ और यहां तक कि गंभीर बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण बन सकता है। गाइनोकॉलजिस्ट बताती हैं, “भले ही फ्लो कम हो, एक ही पैड को छह घंटे से ज्यादा इस्तेमाल करना योनि संक्रमण और जलन जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।”
भारी रक्तस्राव में समय और घटता है
अगर पीरियड्स के पहले या दूसरे दिन रक्तस्राव अधिक होता है, तो पैड हर 3-4 घंटे में बदलना चाहिए। विशेषज्ञ इसे "सामान्य हाइजीनिक प्रैक्टिस" मानते हैं, जो महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य परेशानियों से बचा सकती है।
रात के समय क्या करें?
रात के समय लंबे अंतराल तक सोने के कारण पैड बदला नहीं जा सकता, ऐसे में डॉक्टर "नाइट पैड" या ज्यादा अब्सॉर्ब करने वाले विकल्पों की सलाह देते हैं। सुबह उठते ही पैड बदलना जरूरी होता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय भी दे चुका है दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय और कई राज्य सरकारें भी समय-समय पर किशोरियों और महिलाओं के लिए मासिक धर्म के दौरान हाइजीन के निर्देश जारी करती रही हैं। सरकारी स्कूलों में बाँटे जाने वाले मुफ्त पैड्स के पैकेटों पर भी यह निर्देश लिखा होता है कि "हर 4-6 घंटे में पैड बदलें।"
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