भारत के पास अभी किस जेनरेशन के फाइटर जेट हैं?

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (IAF) अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रही है, लेकिन मौजूदा समय में इसके बेड़े में मुख्य रूप से चौथी और 4.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान ही शामिल हैं। मिग-29, मिराज 2000, सुखोई-30MKI, और राफेल जैसे एडवांस्ड फाइटर जेट्स भारतीय आसमान की रक्षा कर रहे हैं, जो आधुनिक एवियोनिक्स, उच्च मैन्युवरिंग क्षमताओं और सटीक हथियार प्रणालियों से लैस हैं।

हालांकि, युद्ध के बदलते परिदृश्य और चीन जैसे पड़ोसी देशों द्वारा 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स (जैसे J-20) के इस्तेमाल को देखते हुए, अब यह साफ हो गया है कि भारत को भी अपनी वायुशक्ति को नए स्तर पर ले जाने की जरूरत है।

क्या है फर्क चौथी और पांचवीं पीढ़ी के विमानों में?

चौथी और 4.5 जेनरेशन के विमान बेहतरीन तकनीक से युक्त हैं, लेकिन 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स जैसे F-35, F-22 या चीन का J-20 उन तकनीकी विशेषताओं से लैस हैं जो युद्ध क्षेत्र में निर्णायक बढ़त दिला सकते हैं। इनमें शामिल हैं: स्टेल्थ तकनीक, जिससे रडार पर पकड़ नहीं आती, सेंसर फ्यूजन, जिससे पायलट को 360 डिग्री युद्ध दृश्य प्राप्त होता है।

AMCA: भारत की अगली पीढ़ी की उम्मीद

भारतीय वायुसेना की भविष्य की रणनीति अब ‘AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft)’ पर केंद्रित है। यह स्वदेशी 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर जेट होगा, जिसे DRDO और एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) मिलकर विकसित कर रहे हैं।

IAF की वर्तमान रीढ़: 4th और 4.5 Gen फाइटर्स

Sukhoi Su-30MKI: 4++ पीढ़ी का बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान

Dassault Rafale: 4.5 जेनरेशन का एडवांस मल्टीरोल फाइटर

Tejas Mk-1A: स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान, 4.5 जेनरेशन श्रेणी में. 

Mirage 2000 और MiG-29: समय-समय पर अपग्रेड कर इन्हें बनाए रखा गया है आधुनिक। 

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