रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस प्रोजेक्ट में सिर्फ सरकारी नहीं, बल्कि निजी कंपनियों को भी बराबरी का मौका मिलेगा। ADA जल्द ही इस संबंध में एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी करेगा, जिससे देश की निजी रक्षा कंपनियों को निर्माण प्रक्रिया में भाग लेने का मौका मिलेगा।
डिफेंस कंपनियों के शेयरों में उछाल
इस ऐलान के तुरंत बाद शेयर बाजार में डिफेंस से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में औसतन 6% की बढ़त देखी गई। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 8,674.05 तक पहुंच गया। निवेशकों का रुझान साफ तौर पर इस प्रोजेक्ट की संभावनाओं और इसके आर्थिक प्रभावों को लेकर सकारात्मक है।
अंतरराष्ट्रीय मुकाबले में भारत
AMCA को 5वीं पीढ़ी के अन्य अंतरराष्ट्रीय स्टील्थ फाइटर जेट्स — जैसे अमेरिका का F-35, रूस का Su-57 और चीन का J-20 — के समकक्ष माना जा रहा है। कुछ मामलों में इसके फीचर्स इन विमानों से भी बेहतर हो सकते हैं, खासतौर पर भारत की ज़रूरतों और भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
यह प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को मजबूती देने वाला साबित होगा। इसके ज़रिए न सिर्फ देश की सुरक्षा क्षमताएं बढ़ेंगी, बल्कि रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार और तकनीकी नवाचार के नए अवसर भी खुलेंगे।
AMCA प्रोजेक्ट की खास बातें:
मंजूरी: अप्रैल 2024 में सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने इस प्रोजेक्ट को 15,000 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी थी।
डिजाइन और निर्माण: यह कार्य ADA के नेतृत्व में होगा, जो रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के अधीन है।
तकनीक: यह विमान हाईटेक स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस होगा, जिससे यह दुश्मन के रडार में आने से बच सकेगा।
क्षमता: यह भारतीय वायुसेना के मौजूदा लड़ाकू विमानों की तुलना में अधिक शक्तिशाली, फुर्तीला और टेक्नोलॉजिकल रूप से उन्नत होगा।
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