ये हैं वो 5 घातक ड्रोन जो युद्ध का खेल ही बदल देते हैं, 1 भारत के पास!

नई दिल्ली। 21वीं सदी के युद्ध अब सिर्फ टैंकों और फाइटर जेट्स से नहीं लड़े जाते, बल्कि आसमान से मौत बरसाने वाले ड्रोन युद्ध के मैदान का पूरा नक्शा बदल रहे हैं। ये ड्रोन न सिर्फ जासूसी करते हैं, बल्कि दुश्मन के टैंकों, बंकरों और सैनिकों को सटीकता से नेस्तनाबूद करने की ताकत रखते हैं। आइए जानते हैं दुनिया के 5 सबसे खतरनाक कातिल ड्रोन के बारे में, जो महज मशीन नहीं, बल्कि मोबाइल मिसाइल सिस्टम हैं।

1. MQ-9 रीपर (अमेरिका) – आसमान का शेर

MQ-9 रीपर जिसे ‘प्रीडेटर ड्रोन’ के नाम से भी जाना जाता है, अमेरिका का सबसे घातक हथियार है। यह ड्रोन 50 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ 8 हेलफायर मिसाइल और 1700 किलो तक बम ले जाने की क्षमता रखता है। एक बार टारगेट लॉक हो गया, तो बच पाना नामुमकिन है। भारत ने अमेरिका से 31 रीपर ड्रोन की डील फाइनल कर दी है, जिससे भारत की हवाई ताकत में बड़ा इजाफा होगा।

2. मोहाजिर-6 (ईरान) – एक साथ निगरानी और हमला

ईरान का मोहाजिर-6 ड्रोन जासूसी और हमले दोनों में माहिर है। Qaem और अलमास मिसाइलों से लैस यह ड्रोन दुश्मन की मूवमेंट पर नजर रखता है और मौका मिलते ही हमला कर देता है। इसकी डिजाइन और तकनीक इसे लंबी दूरी तक उड़ान और बेहद सटीक हमलों के लिए उपयुक्त बनाती है।

3. Bayraktar TB2 (तुर्की) – छोटा पैकेट, बड़ा धमाका

तुर्की का Bayraktar TB2 हाल के वर्षों में दुनिया भर में चर्चित हुआ है, खासकर यूक्रेन-रूस युद्ध के दौरान। यह 27 घंटे तक हवा में रह सकता है और 25,000 फीट की ऊंचाई से चार लेज़र-गाइडेड बम या रॉकेट से हमला कर सकता है। GPS के बिना भी काम करने और ऑटो टारगेटिंग इसकी बड़ी खासियत है।

4. स्विचब्लेड ड्रोन (अमेरिका) – ‘सुसाइड’ मिशन के लिए तैयार

स्विचब्लेड को ‘कामिकेज़ ड्रोन’ भी कहा जाता है। ये ड्रोन मिसाइल और ड्रोन का हाइब्रिड है। इसके दो वर्जन हैं – 300 और 600। 300 मॉडल इंसानों को टारगेट करता है जबकि 600 टैंक जैसी भारी मशीनों को। अगर टारगेट नहीं मिलता, तो ये खुद को हवा में ही नष्ट कर लेता है। इतना कॉम्पैक्ट कि सैनिक इसे बैग में लेकर चल सकते हैं।

5. लांसैट और हारोप – रूस और इजरायल के ‘फ्लाइंग बॉम्ब’

रूस का लांसैट ड्रोन यूक्रेन युद्ध में तबाही मचा रहा है। इसका वजन मात्र 12 किलो है लेकिन 3 किलो विस्फोटक लेकर ये दुश्मन के कैंप को पलभर में उड़ाने की क्षमता रखता है। वहीं, इजरायल का ‘हारोप’ ड्रोन भारत के पास है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के HQ-9 डिफेंस सिस्टम को तबाह किया था। हारोप लॉइटरिंग म्यूनिशन ड्रोन है, यानी यह आसमान में मंडराते हुए टारगेट की तलाश करता है और फिर आत्मघाती हमले को अंजाम देता है।

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