प्रदेश सरकार की इस नई नीति को कर्मचारियों के हित में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। लंबे समय से कर्मचारी संगठनों की यह मांग रही है कि पति-पत्नी को एक ही जगह तैनात किया जाए ताकि परिवार एक साथ रह सके और कार्यस्थल पर भी मानसिक संतुलन बना रहे।
नई ट्रांसफर पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि यदि किसी विभागीय आवश्यकता या विशेष परिस्थिति के चलते ऐसा संभव न हो, तो संबंधित अधिकारियों को यथासंभव सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेना होगा। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया हैं।
राज्य सरकार के इस कदम से न सिर्फ कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि इससे कार्यक्षमता और मनोबल में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासनिक व अन्य विभागों में कार्यरत दंपती कर्मचारी अब आशा कर सकते हैं कि उन्हें एक ही जिले में कार्य करने का अवसर मिलेगा।
नीति के मुख्य बिंदु:
पति-पत्नी दोनों यदि सरकारी सेवा में हैं, तो उन्हें एक ही जिले में तैनाती का मौका।
"यथासंभव" शब्द के साथ लचीलापन, लेकिन प्राथमिकता पारिवारिक एकता को।
कुल मिलाकर, यूपी सरकार की यह नई स्थानांतरण नीति कर्मचारी हितों की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। इससे दंपती कर्मचारियों को न केवल पारिवारिक जीवन में स्थिरता मिलेगी, बल्कि वे अपने कार्यक्षेत्र में भी बेहतर योगदान दे सकेंगे।
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