पनडुब्बियों से लॉन्च, दुश्मन की नज़रों से दूर
K-5 मिसाइल को खासतौर पर पनडुब्बियों से लॉन्च करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह मिसाइल भारत की अरिहंत-क्लास परमाणु पनडुब्बियों में तैनात की जा रही है, जिसमें से S-4 पनडुब्बी इसका पहला प्लेटफॉर्म होगी। इस प्रकार की मिसाइलें ‘साइलेंट स्ट्राइक’ यानी चुपचाप वार करने में दक्ष होती हैं, जिससे भारत का सेकंड स्ट्राइक कैपेबिलिटी (Second Strike Capability) और भी मजबूत हो गया है।
तकनीक में आत्मनिर्भरता की बड़ी छलांग
इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे पूरी तरह भारत में विकसित किया गया है। इसमें अत्याधुनिक गाइडेंस सिस्टम, ठोस ईंधन इंजन और मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह एक साथ कई लक्ष्यों को साध सकती है।
रणनीतिक संतुलन की नई परिभाषा
K-5 मिसाइल की तैनाती भारत के रणनीतिक संतुलन को नया आकार देगी। इसकी लंबी रेंज न सिर्फ पूरे एशिया को कवर करती है, बल्कि यह मिसाइल भारत को विश्वस्तरीय परमाणु शक्ति संपन्न देशों की श्रेणी में और भी मजबूती से खड़ा करेगी। भारत की नई अरिहंत-क्लास परमाणु पनडुब्बी S-4 में ताकतवर K-5 SLBM मिसाइल लगाई जाएगी।
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