यूपी में आउटसोर्स कर्मि‍यों के आने वाले हैं अच्छे दिन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत लाखों आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है। राज्य सरकार ने 'उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम' के गठन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है।अब जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी से इसे लागू किया जायेगा।

क्या है प्रस्ताव का उद्देश्य?

इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य आउटसोर्स कर्मियों को समय से मानदेय, चिकित्सा सुविधा, सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ दिलाना है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कर्मचारियों के ईपीएफ, ईएसआई, बीमा, चिकित्सा, भत्ते आदि का प्रबंधन अब प्रस्तावित निगम के माध्यम से किया जाएगा। हालांकि, वेतन भुगतान मौजूदा व्यवस्था के तहत आउटसोर्स एजेंसियां ही करेंगी, लेकिन इसका समय से भुगतान हो, इसकी निगरानी निगम करेगा।

शोषण पर लगेगा लगाम

नई व्यवस्था के तहत कोई भी एजेंसी अब अपने स्तर से किसी कर्मचारी को नहीं हटा सकेगी। यह फैसला भी निगम की अनुमति से ही संभव होगा। भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से तृतीय और द्वितीय श्रेणी की भर्ती की जाएगी। चतुर्थ श्रेणी को फिलहाल इसमें शामिल नहीं किया गया है।

आउटसोर्स कर्मियों को मिलेंगे ये बड़े लाभ:

नौकरी की उम्र सीमा: आउटसोर्स कर्मचारी 60 वर्ष तक सेवाएं दे सकेंगे।

अवकाश की सुविधा: साल में 12 आकस्मिक और 10 चिकित्सीय अवकाश मिलेंगे।

पेंशन योजना: सेवा समाप्ति के बाद कर्मियों को 1000 से 7500 रुपये तक मासिक पेंशन देने का प्रस्ताव है।

मानदेय में बढ़ोतरी: न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये निर्धारित किया गया है, जो पद की प्रकृति के अनुसार और अधिक भी हो सकता है।

मुफ्त इलाज: राज्य कर्मचारी बीमा निगम के अस्पतालों व जांच केंद्रों पर कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों को मुफ्त इलाज की सुविधा दिलाई जाएगी।

मातृत्व अवकाश:  आउटसोर्सिंग पर काम करने वाली महिला कर्मचारियों को भी अब मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाएगी। महिला कर्मचारियों को दो बच्चे पैदा होने पर छह महीने यानी 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।

30 लाख रुपये तक बीमा सुरक्षा: दुर्घटना में मृत्यु होने पर कर्मी के परिजनों को 30 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी। इसके लिए किसी भी प्रकार का प्रीमियम नहीं देना होगा।

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