स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, घड़े में रखा पानी प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है और इसके सेवन से शरीर का तापमान संतुलित रहता है। इसके अलावा मिट्टी या तांबे के घड़े में पानी रखने से उसमें ऐसे खनिज तत्व और औषधीय गुण मिलते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।
ये 10 रोग, जिनमें फायदेमंद है घड़े का पानी:
वजन घटाना – यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।
गठिया और जोड़ों का दर्द – शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में सहायक है।
किडनी की सफाई – यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
हाई बीपी – तांबे के तत्व रक्त संचार को नियंत्रित कर ब्लड प्रेशर को संतुलन में रखते हैं।
डायबिटीज नियंत्रण – तांबे का पानी ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
सिरदर्द और माइग्रेन – प्राकृतिक ठंडक के कारण यह सिरदर्द की समस्या को कम करता है।
सर्दी-जुकाम से राहत – इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
त्वचा संबंधी रोग – डिटॉक्स गुणों के कारण घड़े का पानी त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है।
एसिडिटी और गैस – घड़े का पानी अम्लता को शांत करता है और पाचन तंत्र को संतुलित करता है।
पाचन संबंधी समस्या – तांबे के घड़े का पानी पेट साफ करने और कब्ज दूर करने में कारगर होता है।
फ्रिज नहीं, अपनाएं प्राकृतिक विकल्प
आधुनिक जीवनशैली में फ्रिज का पानी तुरंत राहत तो देता है, लेकिन यह कई बार गले, जठरांत्र प्रणाली और शरीर के तापमान संतुलन को बिगाड़ देता है। इसके उलट घड़े का पानी स्वाभाविक रूप से ठंडा होता है और शरीर के लिए अनुकूल रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आयुर्वेदाचार्यों का मानना है कि सुबह खाली पेट घड़े का पानी पीने से शरीर में संचित विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और दिनभर तरोताजा महसूस होता है।
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