गर्भाशय कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में एंडोमेट्रियल कैंसर कहा जाता है, महिलाओं में तेजी से फैल रही एक गंभीर बीमारी है। अगर इसके शुरुआती लक्षणों को समय रहते पहचान लिया जाए, तो इस बीमारी को रोकना और इलाज संभव हो सकता है। डॉक्टर्स का कहना है कि जागरूकता और नियमित जांच इस कैंसर से बचाव की सबसे पहली सीढ़ी है।
क्या है गर्भाशय कैंसर?
गर्भाशय यानी यूट्रस के अंदर की परत (एंडोमेट्रियम) में जब असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगती हैं, तो वह कैंसर का रूप ले सकती हैं। यह स्थिति आमतौर पर मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) के बाद की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन आजकल कम उम्र की महिलाओं में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।
शुरुआती लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें:
1 .असामान्य या अत्यधिक योनि स्राव: विशेष रूप से यदि वह स्राव बदबूदार या खून के साथ हो।
2 .बार-बार पेशाब आना या पेशाब में जलन: यदि यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो गहन जांच जरूरी है।
3 .पेल्विक (गर्भाशय के पास) में दर्द या भारीपन: लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द या भारीपन महसूस होना भी कैंसर का संकेत हो सकता है।
4 .मासिक धर्म के बीच या रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव: यह सबसे सामान्य और शुरुआती लक्षणों में शामिल है। अगर महिला मेनोपॉज़ के बाद रक्तस्राव का अनुभव करती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
कैसे करें बचाव?
समय-समय पर पैप स्मीयर और पेल्विक जांच कराये, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें, मेनोपॉज़ के बाद किसी भी असामान्य लक्षण को हल्के में न लें, परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो नियमित जांच कराएं, डॉक्टर की सलाह लें और निर्देशों का पालन करें।
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