बीमा कवर में 15 लाख रुपये तक का इजाफा संभव
मौजूदा समय में यदि किसी सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उनके परिवार को अधिकतम 1,20,000 रुपये तक की बीमा राशि मिलती है। यह लाभ मुख्य रूप से ग्रुप A के कर्मचारियों के लिए होता है, जबकि अन्य ग्रुप्स को इससे भी कम राशि मिलती है। यह बीमा कवर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉइज ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (CGEGIS) के तहत दिया जाता है, जिसकी शुरुआत 1 जनवरी 1982 को हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब खबर है कि नए वेतन आयोग में सरकार इस बीमा राशि को बढ़ाकर 10 लाख से 15 लाख रुपये तक करने पर विचार कर रही है। हालांकि, इसके साथ ही कर्मचारियों के मासिक सब्सक्रिप्शन में भी इजाफा होने की संभावना है।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें नहीं हो सकीं लागू
7वें वेतन आयोग ने CGEGIS के अंतर्गत बीमा कवर में भारी इजाफा करने की सिफारिश की थी। इसमें तीन विकल्प दिए गए थे: ₹50 लाख कवर के लिए ₹5,000 मंथली सब्सक्रिप्शन, ₹25 लाख कवर के लिए ₹2,500 सब्सक्रिप्शन, ₹15 लाख कवर के लिए ₹1,500 सब्सक्रिप्शन। हालांकि, कर्मचारियों ने इन प्रस्तावों को महंगा मानते हुए अस्वीकार कर दिया था। नतीजतन, यह सिफारिशें धरातल पर नहीं उतर सकीं।
अब क्या उम्मीदें हैं?
कई मीडिया रिपोर्ट्स से आ रही जानकारी के अनुसार 8वें वेतन आयोग में CGEGIS को पूरी तरह से री-डिजाइन करने की तैयारी की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा महंगाई, जीवनशैली और आर्थिक जरूरतों को देखते हुए बीमा कवर को 10 से 15 लाख रुपये के बीच किया जाना व्यावहारिक और आवश्यक है।
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