नाग: 'फायर एंड फॉरगेट' की ताक़त
DRDO द्वारा विकसित नाग मिसाइल भारत की पहली स्वदेशी तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक मिसाइल है। यह 'फायर एंड फॉरगेट' क्षमता से लैस है, यानी एक बार लक्ष्य लॉक होते ही मिसाइल अपने आप उसे निशाना बना लेती है। हेलिना (HELINA) और ध्रुवास्त्र इसके हेलीकॉप्टर संस्करण हैं, जो भारतीय वायुसेना और थलसेना की ताक़त बढ़ा रहे हैं।
अमोघा और इनवार: स्वदेशी तकनीक की उड़ान
अमोघा भी एक उभरती हुई स्वदेशी मिसाइल है, जिसे भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) विकसित कर रही है। वहीं, इनवार मिसाइल, जिसे भारत ने रूस के सहयोग से अपनाया है, अब भारत में ही बनाई जा रही है। इनवार को T-90 टैंकों से दागा जा सकता है और यह बेहद सटीकता के साथ लक्ष्य भेदने में सक्षम है।
विदेशी ताक़तों का समावेश: स्पाइक, मिलन और कॉर्नेट
भारत की एंटी टैंक मिसाइल रेंज में इज़राइली स्पाइक मिसाइल भी शामिल है, जो दिन और रात दोनों परिस्थितियों में लक्ष्य साधने की क्षमता रखती है। इसके अलावा, मिलन 2T, कॉनकर्स-एम, और कॉर्नेट/स्प्रिग्गन जैसी रूसी तकनीक पर आधारित मिसाइलें भी भारतीय सेना के बेड़े का हिस्सा हैं।
टैक्टिकल विविधता और अगली पीढ़ी की तैयारी भी तेज
भारतीय सेना आज छोटी दूरी से लेकर मध्यम और लंबी दूरी तक की एंटी टैंक मिसाइलों से लैस है। वहीं, आने वाले समय में भारत एमपीएटीजीएम (MPATGM) जैसी नई पीढ़ी की मिसाइलों के परीक्षणों को अंतिम रूप दे रहा है। यह मिसाइल DRDO द्वारा विकसित की जा रही है और जल्द ही सेना में शामिल हो सकती है।
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