बता दें की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हो रही इस कैबिनेट बैठक का एजेंडा सोमवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी किया गया। गृह विभाग की ओर से यह प्रस्ताव लाया गया है, जो सीधे तौर पर केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ योजना’ के तहत सेवा समाप्त कर चुके सैनिकों को लाभ पहुंचाएगा।
क्या है अग्निपथ योजना?
2022 में केंद्र की मोदी सरकार ने 'अग्निपथ योजना' की शुरुआत की थी। इसके तहत 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सेना, नौसेना और वायुसेना में चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती किया जाता है। इस दौरान छह महीने की ट्रेनिंग के बाद तीन साल छह महीने की सेवा दी जाती है। चार साल की सेवा पूरी होने पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी किया जाता है जबकि बाकी 75 प्रतिशत को सेवामुक्त कर दिया जाता है। इन्हीं सेवामुक्त अग्निवीरों के भविष्य को लेकर लगातार राजनीतिक बहस होती रही है।
रोजगार के नए अवसर
राज्य सरकार मानती है कि अग्निवीरों को पुलिस बल में शामिल करने से एक ओर उन्हें स्थायी रोजगार मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पुलिस बल को अनुशासित, प्रशिक्षित और राष्ट्रसेवा में समर्पित कर्मियों का लाभ भी मिलेगा। इससे राज्य की पुलिस व्यवस्था बेहतर होगी।
क्या होगा असर?
विशेषज्ञों के मुताबिक, 2026 से पहले बैच के अग्निवीरों का सेवा काल समाप्त होना शुरू हो जाएगा। ऐसे में यूपी सरकार का यह फैसला लाखों अग्निवीरों के लिए राहत और आशा की किरण बन सकता है। साथ ही यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।
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