डिप्टी सीएम के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सोमवार को संबंधित सभी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश सरकार का कहना है कि गर्मी से संबंधित बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दिए गए अहम निर्देश
सरकार ने कहा है की अस्पतालों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, खासकर गर्मी से जुड़ी बीमारियों जैसे डायरिया, लू, डिहाइड्रेशन, सर्पदंश और कुत्ते के काटने से जुड़ी बीमारियों के लिए एंटी-स्नैक वेनम और एंटी-रेबीज वैक्सीन की व्यवस्था की जाए।
वहीं, 102, 108 और एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवाएं सक्रिय रहें, ताकि आपात स्थिति में मरीजों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जा सके। अस्पतालों में साफ पानी और बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए ठंडा पानी, छायादार स्थान और गुणवत्तापूर्ण भोजन का इंतजाम किया जाए।
संचारी रोग नियंत्रण के लिए पूर्व दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रचार-प्रसार, केस बेस्ड एक्शन और विभागीय समन्वय सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि गर्मी के इस दौर में राज्य सरकार का यह कदम अत्यंत आवश्यक और समयोचित है। हर साल गर्मी के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती है, और यदि स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित रहते हैं तो मरीजों की देखभाल पर असर पड़ सकता है।
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