आपको बता दें की इस पहल के तहत कक्षा 6, 7 और 8 के छात्रों के लिए कंप्यूटर विषय की नई पाठ्यपुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। जिले के 1828 परिषदीय विद्यालयों के छात्र इस बदलाव से सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
प्रशिक्षकों की विशेष ट्रेनिंग, मास्टर ट्रेनर तैयार
इस परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए डायट (जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान) के प्रवक्ताओं को आईआईआईटी (भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान) में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ये प्रशिक्षक अब मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे और परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को इन नए विषयों की बारीकियाँ सिखाएंगे। डायट के प्रवक्ता नीरज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया, "छात्रों को कोडिंग और AI का बेहतर व सतर्कता से उपयोग करना सिखाया जाएगा, जिससे वे डिजिटल युग में आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें।"
क्या-क्या सीखेंगे बच्चे?
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा तैयार डिजिटल लिटरेसी, कंप्यूटेशनल थिंकिंग, कोडिंग और AI की पुस्तकें अब शैक्षिक सत्र 2025-26 से लागू की जा रही हैं। प्रत्येक कक्षा में चरणबद्ध तरीके से तकनीकी ज्ञान प्रदान किया जाएगा:
कक्षा 6: कंप्यूटर की मूलभूत जानकारी, माइक्रोसॉफ्ट पेंट, वर्ड, चरणबद्ध सोच, स्क्रैच, पाइथन की शुरुआती जानकारी और AI का परिचय।
कक्षा 7: इंटरनेट, एक्सेल, तार्किक सोच, स्क्रैच कोडिंग, पाइथन टोकन्स और AI के उन्नत सिद्धांत।
कक्षा 8: नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा, यूज़र इनपुट, डेटा प्रोसेसिंग और AI के व्यावहारिक अनुप्रयोग।
डिजिटल भविष्य की ओर कदम
बेसिक शिक्षा विभाग का यह प्रयास छात्रों को निजी स्कूलों की तर्ज पर आधुनिक तकनीक से लैस करने की दिशा में एक बड़ी पहल है। स्मार्ट क्लासरूम, प्रशिक्षित शिक्षक और नया पाठ्यक्रम मिलकर छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
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