यूपी के 'लेखपाल' सप्ताह में 2 दिन तहसील में बैठेंगे!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जमीन विवादों के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के लेखपाल सप्ताह में दो दिन तयशुदा समय पर तहसील में बैठेंगे। राजस्व विभाग के इस फैसले को न केवल प्रशासनिक सुधार माना जा रहा है, बल्कि यह आम जनता के लिए बड़ी राहत भी साबित हो सकता है।

क्यों जरूरी थी यह व्यवस्था?

उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं का बड़ा कारण जमीन से जुड़ा विवाद होता है। इन विवादों की जड़ में राजस्व रिकॉर्ड की अनिश्चितता और लेखपालों की आमजन से दूरी को अहम माना जाता रहा है। अभी तक लेखपालों के बैठने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं थी, जिससे लोग समय पर उनसे संपर्क नहीं कर पाते थे। 

राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने इस दिशा में पहल करते हुए सरकार को एक विस्तृत प्रस्ताव भेजा है, जिसके पहले चरण में 50 तहसीलों में लेखपालों के लिए फ्लोटिंग वर्क स्टेशन (लेखपाल डेस्क) बनाए जा रहे हैं। इससे लोगों को सीधा फायदा होगा।

क्या होगा नई व्यवस्था में?

हर तहसील में 300-400 लेखपाल तैनात होते हैं।

नई व्यवस्था के तहत हर लेखपाल सप्ताह में दो दिन तहसील में बैठेंगे।

लेखपाल डेस्क पर कम्प्यूटर/लैपटॉप, लॉकर और बैठने की उचित व्यवस्था रहेगी।

डेस्क पर वे रिपोर्ट तैयार करने, सत्यापन करने और अन्य जरूरी कार्य निपटाएंगे।

लेखपाल अपनी लॉगिन आईडी से सिस्टम एक्सेस कर सकेंगे, जिससे डिजिटल रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेगा।

लोगों को होगा सीधा फायदा

राजस्व परिषद के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा, “इस व्यवस्था से काम में पारदर्शिता आएगी और समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी। लोगों को अब यह पता रहेगा कि लेखपाल किस दिन तहसील में मिलेंगे। इससे जमीन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और जमाबंदी से जुड़े मामलों का निपटारा जल्द होगा।” फिलहाल यह व्यवस्था 50 तहसीलों में लागू की जा रही है, लेकिन सफलता के बाद इसे प्रदेश की सभी तहसीलों में विस्तार देने की योजना है।

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