शिक्षा क्षेत्र में डोमिसाइल नीति और मानदेय में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा की है, जिसके तहत अब राज्य की शिक्षक बहाली प्रक्रिया में केवल बिहार के निवासियों को प्राथमिकता मिलेगी। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे, साथ ही राज्य में प्रतिभा पलायन पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है।
इसके अलावा शिक्षा से जुड़े सहायक कर्मियों के मानदेय में दो गुना बढ़ोतरी कर दी गई है। मिड डे मील योजना के तहत काम करने वाली रसोइयों को अब ₹1650 के बजाय ₹3300, फिजिकल टीचर्स को ₹8000 के बजाय ₹16000 और नाइट गार्ड्स को ₹5000 के बजाय ₹10000 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। यह कदम न केवल इन कर्मियों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली में उनकी भागीदारी और उत्साह को भी बढ़ाएगा।
बिजली पर राहत: 125 यूनिट तक मुफ्त व्यवस्था
बिहार सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए 1 अगस्त 2025 से हर परिवार को 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है। यह फैसला खासकर गरीब और मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इससे परिवारों की मासिक आर्थिक चिंता कम होगी और वे अपनी आय का बेहतर उपयोग अन्य जरूरी खर्चों के लिए कर सकेंगे।
महिलाओं के लिए डोमिसाइल आधारित आरक्षण
महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस कदम उठाते हुए सरकार ने यह तय किया है कि अब सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं को ही मिलेगा। पहले यह लाभ अन्य राज्यों की महिलाओं को भी मिल सकता था, लेकिन अब यह सुविधा पूरी तरह से राज्य की बेटियों के लिए आरक्षित होगी। इससे बिहार की महिलाओं को अधिक अवसर और प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना है।
दिव्यांगजनों को सिविल सेवा के लिए आर्थिक सहयोग
बिहार सरकार ने दिव्यांग वर्ग के लिए एक सराहनीय योजना शुरू की है, जिसके तहत UPSC या BPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए ₹50,000 और इंटरव्यू की तैयारी हेतु ₹1 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। यह योजना न केवल आर्थिक सहारा प्रदान करती है, बल्कि दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक प्रयास है।
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