रसोइयों के मानदेय में 100% वृद्धि
कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसले के अनुसार अब राज्य भर के 2 लाख 30 हजार से अधिक मिड-डे मील रसोइयों को पहले के 1650 रुपये प्रति माह के बजाय अब 3300 रुपये प्रति माह मानदेय मिलेगा। यह घोषणा पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी, जिसे अब आधिकारिक स्वीकृति मिल चुकी है। यह फैसला लंबे समय से अपने मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे रसोइयों के लिए राहतभरी खबर है।
रात्रि प्रहरियों का मानदेय भी हुआ दोगुना
सुरक्षा व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने वाले रात्रि प्रहरियों को भी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। पहले इन्हें 5000 रुपये मासिक मानदेय मिलता था, जिसे अब दोगुना कर 10,000 रुपये मासिक कर दिया गया है। यह कदम राज्य में निचले स्तर पर कार्यरत कर्मियों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशकों को भी मिली राहत
विद्यालयों में छात्रों के शारीरिक विकास में योगदान देने वाले शारीरिक स्वास्थ्य अनुदेशकों का मानदेय 8000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है। यह फैसला खेल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे प्रशिक्षकों को सम्मान देने और उनके कार्य की महत्ता को मान्यता देने का प्रतीक है।
नीतीश सरकार का सामाजिक न्याय और कल्याण पर जोर
बिहार सरकार के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार समाज के अंतिम पायदान पर खड़े कर्मियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। मानदेय में हुई इस बढ़ोतरी से संबंधित कर्मियों के आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें अपने कार्यों के प्रति और अधिक प्रेरणा मिलेगी।
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