यूपी की पहचान: IAS अधिकारी तैयार करने में देश में अव्वल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश न केवल भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, बल्कि प्रशासनिक सेवाओं में भी इसकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। जनवरी 2024 के ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के पास कुल 652 IAS पद हैं, जिनमें से करीब 548 पद भरे हुए हैं। यह संख्या किसी भी अन्य राज्य से सबसे अधिक है। 

पिछले कई वर्षों से यूपी ने UPSC परीक्षा में लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है और यहां से देश के टॉप टियर के कई अधिकारी निकल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 2011 से 2015 के बीच यूपी से 118 उम्मीदवार IAS अधिकारी बने, जबकि बिहार की संख्या मात्र 68 रही।

यूपी से इतने IAS अधिकारी क्यों निकलते हैं?

उत्तर प्रदेश से IAS अधिकारियों की इतनी बड़ी संख्या निकलने के कई कारण हैं। सबसे पहला कारण है, राज्य की विशाल जनसंख्या। अधिक आबादी का मतलब अधिक प्रतियोगी, जो UPSC जैसी कठिन परीक्षा में भाग लेते हैं। इसके साथ ही, यूपी के कई शहर जैसे प्रयागराज, लखनऊ और गाजियाबाद तैयारी के लिए प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। यहाँ मजबूत कोचिंग संस्थान, पढ़ाई का बेहतर माहौल और प्रतियोगी भावना युवाओं को प्रोत्साहित करती है।

पारिवारिक प्रेरणा और विशेष गांव की मिसाल

उत्तर प्रदेश में कई परिवारों में सरकारी सेवाओं की विरासत देखी जा सकती है। परिवारों में पहले से ही सरकारी अधिकारी होने की वजह से नई पीढ़ी को प्रोत्साहन मिलता है। कई बार बच्चे बचपन से ही इस क्षेत्र में जाने की प्रेरणा लेकर बड़े होते हैं।

जौनपुर जिले के माधोपट्टी गांव की कहानी तो खास तौर पर प्रेरणादायक है। इस छोटे से गांव के लगभग 75 घरों में से 47 घरों से IAS या IPS अधिकारी निकले हैं। यह गांव देश में IAS अधिकारी निकालने वाला एक अनोखा उदाहरण है, जहां सरकारी सेवा को परिवार और समाज दोनों स्तर पर अत्यधिक सम्मान मिलता है। ऐसे प्रेरणादायक माहौल और संस्कार युवाओं को ऊँची सोच और मेहनत की ओर प्रेरित करते हैं।

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