क्या है गंगा एक्सप्रेसवे?
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाला एक लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जो 594 किलोमीटर लंबा है और राज्य के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को जोड़ेगा। इस परियोजना का उद्देश्य मेरठ से प्रयागराज के बीच यात्रा के समय को लगभग 12 घंटे से घटाकर 6-7 घंटे करना है।
कौन-कौन से जिले होंगे लाभान्वित?
गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों से होकर गुजरेगा जिसमे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले हैं। इन जिलों के कुल 518 गांव सीधे तौर पर इस परियोजना से जुड़े हैं।
इस एक्सप्रेस-वे में कितना हुआ काम?
मेरठ से बदायूं तक 137 किमी का निर्माण कार्य अक्टूबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है। प्रयागराज में डिस्प्ले, कैमरा इंस्टॉलेशन और पौधारोपण जैसे अंतिम चरण के कार्य बचे हैं। ट्रायल रन की तैयारी जोर-शोर से चल रही है और उद्घाटन नवंबर में किसी भी दिन हो सकता है।
इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से क्या हैं फायदे?
1 .यातायात में बदलाव: मेरठ से प्रयागराज तक का सफर कई घंटे कम हो जाएगा। लोगों को बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी और परिवहन लागत भी घटेगी।
2 .औद्योगिक विकास: एक्सप्रेसवे के किनारे सरकार फार्मा, टेक्सटाइल और आईटी पार्क की स्थापना की योजना पर काम कर रही है। इससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और छोटे-छोटे कस्बों में भी आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
3 .पर्यावरण संतुलन: एक्सप्रेसवे के दोनों ओर पौधारोपण किया जा रहा है जिससे पर्यावरण को संतुलित रखने में मदद मिलेगी।
4 .सुरक्षा और सामरिक दृष्टि से उपयोगी: गंगा एक्सप्रेसवे के कुछ हिस्सों को एयर स्ट्रिप के रूप में विकसित किया गया है जहां जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान उतर और उड़ान भर सकते हैं।
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