यूपी में 'सरकारी कर्मचार‍ियों' की पेंशन को लेकर बड़ी खबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धजनों और सरकारी कर्मचारियों की पेंशन व्यवस्था को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे लाखों वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। अब पेंशन के लिए लम्बी प्रक्रियाओं, दफ्तरों के चक्कर और कागजी औपचारिकताओं से छुटकारा मिलेगा। सरकार की योजना के अनुसार अब पेंशन स्वतः लाभार्थी के खाते में पहुंचेगी, बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के।

पेंशन अब सीधे खाते में

समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के अनुसार, सरकार के पास लाभार्थियों की आधार डिटेल और बैंक खाता जानकारी पहले से उपलब्ध है। इसके आधार पर एक ऐसी प्रणाली विकसित की जा रही है जिसमें पेंशन पाने के लिए किसी वरिष्ठ नागरिक को किसी प्रकार की औपचारिकता पूरी नहीं करनी होगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्वत: संचालित होगी। इस योजना का मसौदा तैयार कर लिया गया है और कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

जीवन प्रमाण की प्रक्रिया डिजिटल

नवंबर 2025 से एक और बड़ा बदलाव लागू किया जा रहा है, जिससे वृद्धजनों को जीवित होने का प्रमाण देने के लिए दफ्तरों में जाकर लंबी लाइनें नहीं लगानी पड़ेंगी। इसके लिए 'जीवन प्रमाण' नामक पोर्टल शुरू किया जा रहा है। इस पोर्टल के जरिए वरिष्ठ नागरिक स्मार्टफोन से या नजदीकी जनसुविधा केंद्र में जाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। इससे वृद्धजनों को सुविधा मिलेगी और उनकी गरिमा बनी रहेगी।

वृद्धाश्रम को लेकर नई पहल

राज्य सरकार वृद्धाश्रमों के संचालन को लेकर भी नई पहल कर रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा 75 वृद्धाश्रमों के अनुबंधों की पुन: समीक्षा की जा रही है। इच्छुक संस्थाएं आगे आकर इनके संचालन में भाग ले सकती हैं। मंत्री असीम अरुण ने यह भी स्पष्ट किया कि वृद्धाश्रम में रहना कोई शर्म की बात नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक सुविधा है जिसे सम्मान के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए।

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