केंद्र सरकार का फैसला, कर्मचारियों के वेतन में होगी बढ़ोत्तरी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा नई श्रम संहिताओं को लागू करने की तैयारियों ने देश के करोड़ों श्रमिकों और कर्मचारियों में उम्मीद की नई किरण जगाई है। श्रम बाजार में व्यापक सुधार लाने वाली इन संहिताओं के लागू होने पर संगठित और असंगठित दोनों ही क्षेत्रों के श्रमिकों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होने की संभावना जताई गई है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के हालिया विश्लेषण के अनुसार, नई श्रम संहिता लागू होने पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के वेतन में प्रतिदिन लगभग 95 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। इसका अर्थ है कि श्रमिकों की मासिक आय में करीब 3000 रुपये तक का इजाफा संभव है। इस वेतन वृद्धि से न केवल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उनकी उपभोग क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है।

40 करोड़ से अधिक श्रमिक सीधे लाभान्वित

देश के लगभग 40 करोड़ असंगठित श्रमिक इस सुधार से प्रभावित होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि न्यूनतम मजदूरी बढ़ने से ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर मांग बढ़ेगी, जो आर्थिक विकास को बल देगी। वहीं, ग़ैर-नियमित और अनुबंधित कर्मचारियों को भी अधिक सुरक्षा मिल सकेगी।

ग्रेच्युटी के नियमों में बड़ा बदलाव

नई संहिता लागू होते ही ग्रेच्युटी की व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण बदलाव होगा। पहले कम से कम पाँच वर्ष नौकरी करने के बाद ही ग्रेच्युटी का भुगतान अनिवार्य था। अब एक वर्ष की सेवा के बाद भी अनुबंधित कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा। ग्रेच्युटी की गणना अब केवल बेसिक वेतन पर नहीं, बल्कि कुल वेतन संरचना पर आधारित होगी। इन बदलावों से श्रमिकों की सुरक्षा बढ़ेगी, लेकिन उद्यमियों के लिए यह लागत में बढ़ोतरी का कारण बन सकता है।

फ्लोर मजदूरी की व्यवस्था

नई श्रम संहिता में केंद्र सरकार देशभर के श्रमिकों के लिए एक समान ‘फ्लोर मजदूरी’ तय करेगी। कोई भी राज्य निर्धारित फ्लोर मजदूरी से कम वेतन नहीं दे सकेगा। वर्तमान में हर राज्य अपनी आर्थिक स्थिति के आधार पर अलग-अलग न्यूनतम वेतन तय करता है। कुछ राज्यों में असंगठित क्षेत्र के न्यूनतम वेतन 8,000 रुपये प्रतिमाह से कम हैं, जबकि दिल्ली में यह 18,000 रुपये से अधिक है। फ्लोर मजदूरी लागू होने के बाद यह अंतर कम होगा और देशभर में श्रमिकों के लिए न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

सुरक्षा और नियुक्ति पत्र

नई संहिता के अनुसार चाहे स्थायी हों या अस्थायी, सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। हर श्रमिक के पास रोजगार का लिखित प्रमाण होगा। जहां केवल कुछ औद्योगिक इकाइयां न्यूनतम वेतन नियम का पालन करती थीं, नए प्रावधानों के बाद यह नियम हर प्रतिष्ठान में अनिवार्य होगा। यह कदम श्रमिकों की पारदर्शिता और अधिकारों को मजबूती प्रदान करेगा।

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