रिपोर्ट बताती है कि मार्ग पर बनने वाले 1498 संरचनाओं का निर्माण 100% पूरा हो चुका है, जबकि संपूर्ण परियोजना की प्रगति 93 प्रतिशत दर्ज की गई है। यह एक्सप्रेसवे मेरठ के बिजौली से शुरू होकर प्रयागराज तक जाता है और पश्चिमी यूपी को सीधे पूर्वी यूपी से जोड़ने वाला राज्य का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।
पहला चरण लगभग पूरा, अंतिम टच जारी
यूपीडा अधिकारियों के मुताबिक, मेरठ से बदायूं तक का पहला चरण लगभग पूर्ण हो चुका है। इस सेक्शन में अब केवल छोटे-छोटे फिनिशिंग कार्य बचे हैं। पूरे कॉरिडोर का पक्का निर्माण 99 प्रतिशत पूरा हो चुका है, जबकि शेष 1 प्रतिशत कार्य को जल्द निपटाने के निर्देश दिए गए हैं। बदायूं के आगे के हिस्सों में कुछ काम अभी चल रहा है, लेकिन वहां भी गतिविधियाँ तेज गति से की जा रही हैं ताकि जल्द से जल्द पूरे मार्ग पर ट्रायल रन शुरू कराया जा सके।
मेरठ-बदायूं सेक्शन में 322 संरचनाएं तैयार
मेरठ से बदायूं तक के 129.700 किलोमीटर लंबे हिस्से में कुल 322 संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इनमें सबसे अधिक संरचनाएँ 95 संभल जिले में तैयार हुई हैं। इसके अतिरिक्त: हापुड़ में 83 संरचनाएँ, अमरोहा 65 संरचनाएँ, बुलंदशहर 27 संरचनाएँ, मेरठ 37 संरचनाएँ, बदायूं 15 संरचनाएँ। .इन संरचनाओं में पुल, अंडरपास, ओवरपास और इंटरचेंज जैसी महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग इकाइयाँ शामिल हैं, जो एक्सप्रेसवे को सुगम और सुरक्षित बनाती हैं।
क्यों है यह एक्सप्रेसवे खास?
गंगा एक्सप्रेसवे के शुरू होने से मेरठ से प्रयागराज के बीच की दूरी में काफी कमी आएगी। यात्रा समय कई घंटों घट जाएगा। पश्चिमी और पूर्वी यूपी के बीच व्यापारिक आवाजाही तेज होगी। साथ ही आसपास के जिलों के विकास में नई गति आएगी।

0 comments:
Post a Comment